बीसीसीआई को राहत

नयी दिल्ली: केंद्रीय सूचना आयोग (सीआइसी) ने मद्रास उच्च न्यायालय के स्थगनादेश के कारण भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) को सार्वजनिक उपक्रम घोषित करके उसे सूचना के अधिकार कानून के दायरे में लाने से संबंधित महत्वपूर्ण सुनवाई गुरुवार को स्थगित कर दी. बीसीसीआइ ने सीआइसी के समक्ष गुरुवार को मद्रास उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 26, 2013 5:17 AM
नयी दिल्ली: केंद्रीय सूचना आयोग (सीआइसी) ने मद्रास उच्च न्यायालय के स्थगनादेश के कारण भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) को सार्वजनिक उपक्रम घोषित करके उसे सूचना के अधिकार कानून के दायरे में लाने से संबंधित महत्वपूर्ण सुनवाई गुरुवार को स्थगित कर दी.
बीसीसीआइ ने सीआइसी के समक्ष गुरुवार को मद्रास उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश की प्रति पेश की. इस आदेश को देखने के बाद सीआइसी ने लंबित मामले की सुनवाई स्थगित करने का फैसला किया. आयोग ने इस मसले पर सुनवाई के लिए पूर्ण पीठ गठित की है. उसने बीसीसीआइ और उसकी सदस्य इकाइयों को नोटिस जारी किये थे. इस नोटिस में उन्हें राज्य सरकारों और अन्य के द्वारा आवंटित की भूमि, इमारतों, स्टेडियमों का विस्तृत जानकारी साथ लाने का निर्देश दिया गया था. बोर्ड को आयकर में मिलनेवाली छूट के दस्तावेज भी जमा करने का निर्देश दिया गया था.
इस मामले की सुनवाई गुरुवार शाम चार बजे शुरू होनी थी, लेकिन बीसीसीआइ ने मद्रास उच्च न्यायालय से मिले स्थगनादेश की प्रति पेश कर दी. इसके बाद पैनल ने स्थगनादेश के खत्म होने या उच्च न्यायालय की बडी बेंच या उच्चतम न्यायालय से उचित आदेश मिलने तक सुनवाई स्थगित करने का फैसला किया.
सूचना के अधिकार कानून के तहत आवेदन करनेवाली मधु अग्रवाल ने आयोग के समक्ष कहा, ह्यबीसीसीआइ को आरटीआइ अधिनियम के तहत लाने का मसला राष्ट्रीय महत्व का है, क्योंकि बीसीसीआइ मैचों का आयोजन करता है और जिस टीम पर उसका नियंत्रण है उसका नाम ह्यभारतीय टीमह्ण है. उसे केंद्र और राज्य सरकारों से सभी तरह मान्यता और सुविधाएं मिलती हैं.ह्ण

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