अंडरडॉग भारत इंडीज को हराकर 83 में पहली बार बना विश्व चैंपियन
।। सुनील कुमार ।। 1983 में तीसरा विश्व कप खेला गया. पिछले दो विश्व कप में भारत का रिकॉर्ड काफी खराब रहा था. इसके बावजूद 25 जून 1983 को लॉर्ड्स में खेले गये फाइनल में उसने लगातार दो बार की चैंपियन टीम वेस्टइंडीज को हरा कर नया विश्व चैंपियन बनने का गौरव प्राप्त किया. 30 […]
।। सुनील कुमार ।।
1983 में तीसरा विश्व कप खेला गया. पिछले दो विश्व कप में भारत का रिकॉर्ड काफी खराब रहा था. इसके बावजूद 25 जून 1983 को लॉर्ड्स में खेले गये फाइनल में उसने लगातार दो बार की चैंपियन टीम वेस्टइंडीज को हरा कर नया विश्व चैंपियन बनने का गौरव प्राप्त किया.
30 यार्ड सर्कल का पहली बार हुआ प्रयोग
1983 में विश्व कप का आयोजन एक बार फिर इंग्लैंड में हुआ. इस विश्व कप में पहली बार 30 यार्ड सर्कल का प्रयोग किया गया. इसके तहत इस घेरे के अंदर हर समय कम-से-कम चार क्षेत्ररक्षक खिलाड़ी होने चाहिए. यह विश्व कप भारत के लिए एक यादगार लम्हा लेकर आया, जब पहली बार भारत ने विश्व कप जीता.
* टूर्नामेंट में आठ टीमों ने लिया हिस्सा
इस बार भी आठ टीमों ने प्रतियोगिता में हिस्सा लिया. सभी आठ टीमों को चार-चार के दो ग्रुप में बांटा गया. इस बार अंतर सिर्फ ये हुआ कि अब ग्रुप की टीमों को आपस में एक-एक नहीं, बल्कि दो-दो मैच खेलने थे. वाइड और बाउंसर गेंदों के लिए भी नियम कड़े किये गये थे. ग्रुप ए में इंग्लैंड, पाकिस्तान, न्यूजीलैंड और श्रीलंका की टीमें थी, तो ग्रुप बी में वेस्टइंडीज, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जिंबाब्वे को रखा गया.
* ग्रुप ए में इंग्लैंड ने दिखाया दम
ग्रुप ए में इंग्लैंड की टीम ने अपना दम दिखाया. उसने पाकिस्तान और श्रीलंका की टीमों को दो-दो बार हराया. हालांकि पाकिस्तान और न्यूजीलैंड की टीमों ने तीन-तीन मैच जीते, लेकिन रन गति के आधार पर सेमीफाइनल में जगह मिली पाकिस्तान को. ग्रुप बी में भारत ने इस विश्व कप में शानदार शुरु आत की. उसने अपने पहले ही मैच में विश्व चैंपियन वेस्टइंडीज को 34 रन से हराया. भारत ने ऑस्ट्रेलिया और जिंबाब्वे को भी मात दी. भारत ने छह में से चार मैच जीते और इस ग्रुप से वेस्टइंडीज के साथ सेमीफाइनल में पहुंचने का गौरव हासिल किया.
* कपिल, बिन्नी व अमरनाथ की शानदार गेंदबाजी
पहले सेमीफाइनल में मेजबान इंग्लैंड का मुकाबला भारत से हुआ. कपिल देव, रोजर बिन्नी और मोहिंदर अमरनाथ की शानदार गेंदबाजी के कारण भारत ने इंग्लैंड को 213 रन पर ही समेट दिया. जब बल्लेबाजी की बारी आयी, तो अमरनाथ, यशपाल शर्मा और संदीप पाटील ने शानदार बल्लेबाजी कर भारत को 55वें ओवर में ही चार विकेट के नुकसान पर जीत दिला दी. दूसरे सेमीफाइनल में वेस्टइंडीज ने पाकिस्तान को बुरी तरह हराया. पहले बल्लेबाजी करते हुए पाकिस्तान ने 60 ओवर में आठ विकेट पर 184 रन बनाये. जवाब में वेस्टइंडीज ने दो विकेट पर ही लक्ष्य हासिल कर लिया. रिचर्ड्स 80 और गोम्स 50 रन पर नाबाद रहे.
* वेस्टइंडीज को 140 पर समेट भारत चैंपियन
फाइनल में वेस्टइंडीज का मुकाबला था भारत से. एक ओर थी दो बार की चैंपियन वेस्टइंडीज की टीम, तो दूसरी ओर थी पहले के विश्व कप मैचों में खराब प्रदर्शन करनेवाली भारतीय टीम. वेस्टइंडीज ने भारत को सिर्फ 183 रन पर समेट कर शानदार शुरु आत की और जवाब में एक विकेट पर 50 रन भी बना लिये. वेस्टइंडीज समर्थक जीत का जश्न मनाने की तैयारी करने लगे. इसी बीच मोहिंदर अरमनाथ और मदन लाल ने शानदार स्पैल डाल मैच का पासा ही पलट दिया. वेस्टइंडीज की पूरी टीम 140 रन बना कर आउट हो गयी और भारत पहली बार विश्व कप का विजेता बना.