-मैच का समय : सुबह 8 . 50 बजे से-
ब्रिसबेन : ऑस्ट्रेलिया से मिली शिकस्त के बाद कल भारतीय क्रिकेट टीम इंग्लैंड को शिकस्त देने के इरादे से उतरेगी.भारत और इंग्लैंड दोनों टीमों को पहले मैच में मेजबान ऑस्ट्रेलिया ने हराया है लिहाजा दोनों का लक्ष्य कल खाता खोलने का होगा. ऑस्ट्रेलिया ने शुक्रवार को सिडनी में इंग्लैंड को तीन विकेट से हराने के बाद कल मेलबर्न में भारत को चार विकेट से मात दी.
पहले मैच से बोनस अंक लेने के बाद ऑस्ट्रेलिया के दो मैचों में नौ अंक है. भारत के खिलाफ उसका मुकाबला करीबी रहा. भारत के लिए भुवनेश्वर कुमार और अक्षर पटेल ने उम्दा गेंदबाजी करके ऑस्ट्रेलियाई रनगति को बांधे रखा. भारत के लिए यह अच्छा संकेत रहा क्योंकि टेस्ट श्रृंखला में उसकी गेंदबाजी दोयम दर्जे की थी.
भुवनेश्वर फिटनेस समस्याओं के कारण पहले तीन टेस्ट नहीं खेल सके और चौथे में वह फॉर्म में नहीं थे. पांच दिन के आराम और नेट पर मेहनत के बाद उन्होंने कल अच्छी गेंदबाजी की. पहली बार ऑस्ट्रेलिया में खेल रहे बायें हाथ के स्पिनर अक्षर ने भी प्रभावित किया. कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने उन पर भरोसा करके आखिरी ओवरों में उन्हें गेंद सौंपी.
बाद में धौनी ने डैथ ओवरों में पटेल को पहली पसंद बनाने की संभावना पर भी बात की. उन्होंने यह भी कहा कि इसके लिए उन्हें लगातार अच्छी गेंदबाजी करनी होगी. कल के मैच में भी सभी की नजरें भुवनेश्वर और पटेल पर होगी. दोनों से एक बार फिर उम्दा प्रदर्शन की उम्मीदें होंगी और यदि वह ऐसा कर पाते हैं तो उनके और टीम के लिए यह अच्छा होगा चूंकि आर अश्विन मेलबर्न में फार्म में नहीं थे.
धौनी को पिछले मैच के शतकवीर रोहित शर्मा से एक बार फिर बड़ी पारी की उम्मीद होगी. विकेटों के पतन के बीच शर्मा ने संयम नहीं खोया और अच्छी शुरुआत को बड़ी पारी में बदला.
वह विकेटों के बीच तेज दौड़ भी रहे थे और स्ट्राइक बदलने को तत्पर रहे जो पिछले साल विदेशी सरजमीं पर खेले गये वनडे मैचों में वह नहीं कर पा रहे थे. यदि उनका फार्म बरकरार रहता है तो भारत की सलामी जोड़ी की समस्या भी सुलझ जायेगी.
दूसरे छोर पर हालांकि शिखर धवन लगातार खराब फार्म में हैं. अजिंक्य रहाणे को तीसरे और विराट कोहली को चौथे नंबर पर रन बनाने होंगे ताकि मध्यक्रम पर दबाव ना बने.
रविंद्र जडेजा की गैर मौजूदगी में आखिरी ओवरों में तेजी से रन बनाने का दबाव धोनी पर होगा. शुरुआती विकेट जल्दी गंवाने से उन पर दबाव बनेगा और पंाच गेंदबाजों की रणनीति भी कारगर साबित नहीं होगी.
पिछले कुछ साल में इंग्लैंड के खिलाफ भारत का वनडे रिकार्ड अच्छा रहा है. भारत ने 2011 दौरे पर एक भी मैच नहीं जीता था लेकिन उसके बाद 15 में से 12 मैच जीते जिनमें से चार इंग्लैंड में खेले गये. दूसरी ओर एलेस्टेयर कुक की जगह नये कप्तान ईयोन मोर्गन के साथ खेल रही इंग्लैंड टीम के पास नयी रणनीतियां अपनाने और रन पर अमल करने का समय नहीं बचा है.
नेट अभ्यास के दौरान इंग्लैंड ने अपने पूर्व स्टार हरफनमौला एंड्रयू फ्लिंटाफ की सेवायें ली जिससे टीम का आत्मविश्वास बढा होगा. फ्लिंटाफ यहां बिग बैश लीग खेल रहे हैं जबकि केविन पीटरसन भी इस टूर्नामेंट के लिए ऑस्ट्रेलिया में हैं लेकिन उनसे मदद नहीं ली गयी है.
टीमें : भारत – महेंद्र सिंह धौनी ( कप्तान ), शिखर धवन, अजिंक्य रहाणे, रोहित शर्मा, विराट कोहली, अंबाती रायुडू, सुरेश रैना, स्टुअर्ट बिन्नी, अक्षर पटेल, आर अश्विन, रविंद्र जडेजा, ईशांत शर्मा, भुवनेश्वर कुमार, मोहम्मद शमी, उमेश यादव, धवल कुलकर्णी, मोहित शर्मा.
इंग्लैंड – ईयोन मोर्गन ( कप्तान ), मोईन अली, जेम्स एंडरसन, गैरी बालांस, इयान बेल, रवि बोपारा, स्टुअर्ट ब्राड, जोस बटलर, स्टीवन फिन, एलेक्स हेल्स, क्रिस जोर्डन, जो रुट, जेम्स टेलर, जेम्स ट्रेडवेल, क्रिस वोक्स.