ब्रिसबेन : ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गये दो मैच में फ्लॉप रहने के बाद कल ऑस्ट्रेलिया के साथ खेले गये मैच में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भारतीय बल्लेबाज सुरेश रैना बहुत खुश हैं. उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनकी टीम अगर आखिरी दो टेस्ट ड्रा नहीं करा पाती तो श्रृंखला में नाकामी से वह टूट जाते.
मुझे यह बुरे सपने की तरह लग रहा था. मैंने इस मौके के लिए काफी मेहनत की थी और लंबे समय बाद मुझे यह मौका मिला था. उन्होंने कहा ,इंग्लैंड में 2011 में मेरे साथ यह हुआ. मैं ओवल टेस्ट की दो पारियों में रन नहीं बना सका और फिर वनडे में अच्छा प्रदर्शन किया. इस स्थिति से मैं पहले भी गुजर चुका हूं लेकिन इस बार कठिन इसलिए था क्योंकि इस मौके के लिए मैंने लंबा इंतजार किया था.
टेस्ट ड्रा रहने से मुझे मदद मिली. अगर हम हार जाते तो मैं टूट जाता. रैना ने कहा , टेस्ट के बाद अगले दो दिन मैंने बहुत कुछ सीखा और सफेद गेंद से काफी अभ्यास किया. मैंने वनडे में अच्छा प्रदर्शन किया था लिहाजा टेस्ट को भुलाकर उस पर फोकस किया और खुशी है कि रन बना सका. शार्ट गेंदों को उनकी कमजोरी माना जाता रहा है लेकिन रैना ने कहा कि अब वह ऐसी गेंदों को बेहतर तरीके से खेलते हैं. उन्होंने कहा , लंबे समय से लोग शार्ट गेंदों की बात कर रहे हैं लेकिन मैंने काफी मेहनत की है. मैंने बीकेसी पर सचिन पाजी और प्रवीण (आम्रे ) सर के साथ काफी अभ्यास किया. इससे मैं अब ऐसी गेंदों को बेहतर खेल रहा हूं. टीम के बारे में रैना ने कहा कि भारत को गेंदबाजी में सुधार करना होगा क्योंकि हर बार बल्लेबाज ही संकटमोचक नहीं बन सकते.