विश्वकप से पहले ऑस्ट्रेलिया में आयोजित ट्राई सीरीज में आज भारत को दूसरी हार मिली. ट्राई सीरीज में भारत को पहली हार ऑस्ट्रेलिया के हाथों मिली थी, लेकिन उस हार में भारत का सम्मान शेष रह गया था, लेकिन आज इंग्लैंड के हाथों जैसी हार भारत को नसीब हुई है, उससे उसका सम्मान धूमिल हुआ है और खिलाड़ियों का आत्मविश्वास भी. ट्राई सीरीज के पहले कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने कहा था कि वे इस सीरीज को लेकर काफी गंभीर हैं और यह सीरीज विश्वकप से पहले होमवर्क साबित होगी. लेकिन आज भारत का प्रदर्शन गाबा की उछाल भरी पिच पर जिस तरह का रहा, वह कई सवाल खड़े करती है.
क्या भारतीय टीम तेज पिच पर खेलने के कौशल से अनभिज्ञ हैं
भारतीय खिलाड़ियों पर हमेशा यह आरोप लगता रहा है कि वे तेज और उछाल भरी पिच पर खेल नहीं सकते हैं, जिसके कारण वे फ्लॉप हो जाते हैं. भारतीय बल्लेबाजों का प्रदर्शन इस बात पर मुहर लगाता भी प्रतीत होता है. लेकिन यहां सवाल यह है कि क्या ऐसे प्रदर्शन के साथ भारत विश्व चैंपियन का खिताब बरकरार रख पायेगी? यह ऐसा सवाल है, जिसका जवाब पूरी टीम को ढूंढ़ना होगा.
लय खोते जा रहे हैं गेंदबाज
ऑस्ट्रेलिया के साथ खेली गयी टेस्ट श्रृंखला के समय से ही गेंदबाजों पर यह आरोप लगते रहे हैं कि वे अपनी लय खो चुके हैं, जिसके कारण वे विकेट चटकाने में भी असमर्थ हो जाते हैं.टेस्ट श्रृंखला हारने के पीछे भी बड़ी वजह यही रही कि भारतीय गेंदबाज एक मैच में 20 विकेट नहीं चटका पाये. कभी भारतीय गेंदबाजी की जान रहे स्पिनर भी आजकल वैसा प्रदर्शन नहीं दिखा पा रहे हैं, जिसके लिए भारतीय स्पिनर जाने जाते रहे हैं.
घटता जा रहा है मैच जीतने का माद्दा
भारतीय टीम को देखकर ऐसा महसूस होने लगा है कि उसके अंदर जीत के प्रति भूख कम हो गयी है. खिलाड़ियों के अंदर जीत को लेकर अब वह जुनून ही नजर नहीं आ रहा है, जिसके बल पर विश्वकप जैसा आयोजन जीता जाता है. ऐसा महसूस होता है कि टीम जीतना भूल सी गयी है.