राहुल द्रविड ने विश्व कप के वर्तमान प्रारुप पर सवाल उठाया

नयी दिल्ली : भारत के पूर्व क्रिकेट कप्तान और तीन बार विश्व कप में खेल चुके राहुल द्रविड ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में अगले महीने से होने वाले क्रिकेट महाकुंभ के प्रारुप में पूर्वानुमान लगाया जा सकता है और इसमें सुधार किया जाना चाहिए. द्रविड ने कहा, मुझे वास्तव में यह पसंद नहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 20, 2015 6:56 PM

नयी दिल्ली : भारत के पूर्व क्रिकेट कप्तान और तीन बार विश्व कप में खेल चुके राहुल द्रविड ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में अगले महीने से होने वाले क्रिकेट महाकुंभ के प्रारुप में पूर्वानुमान लगाया जा सकता है और इसमें सुधार किया जाना चाहिए.

द्रविड ने कहा, मुझे वास्तव में यह पसंद नहीं है. इसका कारण यह है कि आप अनुमान लगा सकते हो कि चोटी की आठ टीमें कौन होंगी. पिछली बार भारत में खेले गये विश्व कप में भी मुझे ऐसा अहसास हुआ था. मैं नहीं खेल रहा था मैं केवल देख रहा था. सभी क्वार्टर फाइनल का इंतजार कर रहे थे क्योंकि आप जानते हो कि ये तीन मैच बडे होंगे.
उन्होंने ईएसपीएन क्रिकेइन्फो के एक कार्यक्रम में कहा, मेरे लिये सर्वश्रेष्ठ प्रारुप 1999 और 2003 के विश्व कप का था जिनमें मैं खेला था. वहां ग्रुप चरण था, फिर सुपर सिक्स और उसके बाद सेमीफाइनल और फाइनल. आपको पूरे टूर्नामेंट में अच्छा खेलना होता है. इसमें आपको वापसी का थोडा मौका मिलता है.
द्रविड कहा, मुझे खासकर 2007 का प्रारुप कतई पसंद नहीं था. क्यों? इरादे अच्छे थे कि चोटी की आठ टीम एक दूसरे के खिलाफ खेलें लेकिन यदि आप खराब शुरुआत करते हो तो फिर आपको वापसी का मौका नहीं मिलता. अपने जमाने के दिग्गज बल्लेबाज द्रविड का मानना है कि टीमों को अपने सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों को शीर्ष क्रम में उतारना चाहिए.
उन्होंने कहा, निश्चित तौर पर ऐसे बल्लेबाज जो कि शुरु में आउट नहीं हों. आप तब भी आक्रामक बल्लेबाज चाहते हो. आपको ऐसे बल्लेबाज चाहिए जो तेज गेंदबाजों के खिलाफ अपने शाट खेल सके. यदि विकेट में तेजी और उछाल हो तो आप ऐसा बल्लेबाज चाहते हो जो बैकफुट पर अच्छा खेलता हो और दो नई गेंदों के साथ यह काफी महत्वपूर्ण होगा.
द्रविड ने कहा, आपको इस तरह के बल्लेबाजों को शीर्ष क्रम में उतारना होगा. इसके बाद पावर हिटर्स और फिनिशर को उतारा जा सकता है. उन्होंने कहा कि आगामी विश्व कप में स्पिनरों की भूमिका भी अहम होगी. द्रविड ने कहा, टेस्ट श्रृंखला में कुछ विकेट वास्तव में धीमे थे और विश्व कप के मैच भी इन्हीं विकेटों पर होंगे. इन विकेटों पर स्पिनरों की भूमिका अहम होगी. इसलिए आपको संतुलन बनाना होगा. द्रविड ने कहा, कुछ मैच ऐसे हो सकते हैं जिनमें स्पिनरों ज्यादा प्रभाव नहीं छोड पायें लेकिन एडिलेड या सिडनी में विकेट काफी शुष्क हो सकता है.

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