मोदी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सही बताया, कहा, मेरा पक्ष सही साबित हुआ

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय द्वारा हितों के टकराव के आधार पर एन श्रीनिवासन को बीसीसीआई अध्यक्ष के चुनाव से लडने से प्रतिबंधित करने के फैसले पर आईपीएल के बर्खास्त आयुक्त ललित मोदी ने कहा कि यह फैसला खेल में भ्रष्टाचार को खत्म करेगा. उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद मोदी ने कई ट्वीट किये. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 22, 2015 8:56 PM

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय द्वारा हितों के टकराव के आधार पर एन श्रीनिवासन को बीसीसीआई अध्यक्ष के चुनाव से लडने से प्रतिबंधित करने के फैसले पर आईपीएल के बर्खास्त आयुक्त ललित मोदी ने कहा कि यह फैसला खेल में भ्रष्टाचार को खत्म करेगा.

उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद मोदी ने कई ट्वीट किये. उन्होंने कहा, श्रीनिवासन पर माननीय उच्चतम न्यायालय के फैसले से बहुत खुश हूं. मेरा मानना है कि इससे मेरे पक्ष की पुष्टि हुई. उन्होंने एक और ट्वीट में लिखा, माननीय उच्चतम न्यायालय ने क्रिकेट में व्यावसायिक हित रखने वाले किसी भी प्रशासक को नामंजूर करने का फैसला बेहद महत्वपूर्ण है. श्रीनि आपका खेल खत्म हो गया है.
न्यायालय ने बहुतप्रतीक्षित फैसला सुनाते हुये कहा कि चेन्नई सुपर किंग्स के अधिकारी और बीसीसीआई के निर्वासित अध्यक्ष के दामाद गुरुनाथ मयप्पन तथा राजस्थान रायल्स के सह-मालिक राज कुन्द्रा के खिलाफ सट्टेबाजी के आरोप साबित हो गये हैं जबकि श्रीनिवासन के खिलाफ पर्दा डालने के आरोप साबित नहीं हुये
न्यायमूर्ति तीरथ सिंह ठाकुर और न्यायमूर्ति एफएमआई कलीफुल्ला की खंडपीठ ने बीसीसीआई के पदाधिकारियों को इंडियन प्रीमियर लीग और चैम्पियंस लीग में व्यावसायिक हित रखने की अनुमति देने संबंधी नियमों को निरस्त कर दिया. न्यायाधीशों ने कहा, श्रीनिवासन को आईपीएल टीम खरीदने की अनुमति देने संबंधी बीसीसीआई के नियमों में संशोधन अनुपयुक्त है क्योंकि क्रिकेट में हितों का टकराव बहुत भ्रामक स्थिति को जन्म देता है. मोदी ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने हितों के टकराव के मामले में उनकी स्थिति को सही साबित किया है.
उन्होंने ट्वीट किया, श्रीनिवासन जानते थे कि नियम 6.2.4 अवैध है और यह नहीं चल पाएगा. आईपीएल पर फैसले से अब छह सप्ताह में नया बीसीसीआई प्रमुख मिलना सुनिश्चित है. यह अब व्यवस्था को साफ सुथरा करने का समय है. मोदी ने कहा, खेल तभी खेल है यदि उसकी मौलिकता बनी रहे और उसे किसी तरह की धोखाधडी से मुक्त रखा जाए.
आईपीएल पर फैसला ऐतिहासिक है. सीएसके और आईपीएल का भविष्य भी खतरे में पड सकता है क्योंकि आईपीएल नियमों के अनुसार खिलाडियों, मालिकों या टीम अधिकारियों के कदाचार पर किसी फ्रेंचाइजी को रद्द किया जा सकता है.

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