बीसीसीआई आरटीआई के दायरे में आये या भारत शब्द छोड़े

नयी दिल्ली : भारतीय क्रिकेट बोर्ड समेत सभी राष्ट्रीय खेल महासंघों के लिए आरटीआई के दायरे में आना अनिवार्य होगा और ऐसा नहीं करने पर सरकार के पास अधिकार होंगे कि वह टीम के साथ भारत शब्द का प्रयोग करने से उसे रोक दे. राष्ट्रीय खेल विकास विधेयक 2013 का मसौदा तैयार करने वाले कार्यसमूह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 29, 2013 4:44 PM

नयी दिल्ली : भारतीय क्रिकेट बोर्ड समेत सभी राष्ट्रीय खेल महासंघों के लिए आरटीआई के दायरे में आना अनिवार्य होगा और ऐसा नहीं करने पर सरकार के पास अधिकार होंगे कि वह टीम के साथ भारत शब्द का प्रयोग करने से उसे रोक दे.

राष्ट्रीय खेल विकास विधेयक 2013 का मसौदा तैयार करने वाले कार्यसमूह ने आज इसके प्रावधानों पर मीडिया से चर्चा की. कार्यसमूह के अध्यक्ष न्यायमूर्ति( सेवानिवृत ) मुकुल मुद्गल ने कहा कि सभी खेल महासंघों को इस विधेयक के जरिये सूचना अधिकार अधिनियम (आरटीआई) के तहत आना होगा जिसमें बीसीसीआई भी शामिल है.

मुद्गल ने कहा , यदि यह विधेयक अधिनियम का रुप लेता है तो सभी खेल महासंघों को आरटीआई के दायरे में आना होगा हालांकि इसमें कुछ अपवाद शामिल होंगे जिनमें खिलाडि़यों के ठिकाने , स्वास्थ्य संबंधी जानकारी, चयन मसलों, व्यावसायिक रुप से गोपनीय सूचना शामिल है.

उन्होंने कहा , यदि कोई खेल महासंघ इसके दायरे में आने से इनकार करता है तो धारा चार के तहत सरकार को यह अधिकार होगा कि वह अपीली ट्रिब्यूनल में जाकर उसे टीम के साथ भारतशब्द का इस्तेमाल करने से रोक दे.

विधेयक के नये प्रावधानों के बारे में ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने कहा , इसमें नैतिक आयोग, एथलीट आयोग और स्वतंत्र चुनाव आयोग जैसे नये प्रावधान हैं.

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