नयी दिल्ली : पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड ने चोटिल होने के बावजूद माइकल क्लार्क को आगामी विश्व कप के लिये ऑस्ट्रेलियाई टीम में शामिल करने के फैसले पर हैरानी जताते हुए कहा कि यह ऑस्ट्रेलियाई तरीका नहीं है. क्लार्क हैमस्ट्रिंग की चोट से परेशान हैं और उन्होंने भारत के खिलाफ दिसंबर में एडिलेड में पहला टेस्ट मैच खेलने के बाद कोई मैच नहीं खेला है. उन्हें अपनी फिटनेस साबित करने के लिये 21 फरवरी तक का समय दिया गया है. उस दिन ऑस्ट्रेलिया को ब्रिस्बेन में बांग्लादेश के खिलाफ मैच खेलना है.
द्रविड ने कहा, मुझे उम्मीद है कि यह भावनात्मक फैसला नहीं होगा. आप यही कह सकते हो कि उन्हें यह फैसला लेना पडा. यह फैसला लेने का ऑस्ट्रेलियाई तरीका नहीं है. हमने देखा कि ऑस्ट्रेलियाई चयनकर्ताओं ने विशेषकर माइकल क्लार्क के मामले में कुछ बहुत भावनात्मक फैसले लिये हैं.
उन्होंने ‘ईएसपीएनक्रिकइन्फो’ से कहा, यहां तक कि उन्हें टेस्ट मैच खेलने की अनुमति देने वाला फैसले से आप इसे समझ सकते हो. इससे बाकी टीम का ध्यान भंग हो सकता है. वे इस तरह के माहौल और इसके ईद गिर्द की चीजों को कैसे व्यवस्थित करते हैं यह विश्व कप से पहले उनके लिये सबसे बडी चुनौती होगी. द्रविड ने कहा कि क्लार्क की अनुपस्थिति में भी टीम कमजोर नहीं है और स्टीवन स्मिथ उनकी जगह भर सकता है.
उन्होंने कहा, क्लार्क ने उनके लिये बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन उनकी अनुपस्थिति में स्मिथ को रखने से टीम कमजोर नहीं दिखती है. असल में कुछ लोग यह सकते हैं कि इससे टीम अधिक बेहतर लगती है क्योंकि स्मिथ के आने से क्षेत्ररक्षण विभाग भी मजबूत हो जाता है. स्मिथ बीच के ओवरों में स्पिन का अच्छा बल्लेबाज है जैसा कि क्लार्क अपनी सर्वश्रेष्ठ फार्म के दिनों में हुआ करता था.