श्रीसंत,अन्य देंगे पुलिस याचिका पर जवाब

-आईपीएल स्पॉट-फिक्सिंग-नयी दिल्ली : राजस्थान रॉयल्स के निलंबित क्रिकेटर एस श्रीसंत और अंकित चव्हाण तथा 10 अन्य से आज यहां एक अदालत ने दिल्ली पुलिस के उस आवेदन पर प्रतिक्रिया देने को कहा जिसमें आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में उन्हें दी गयी जमानत को रद्द करने की मांग की गयी है.विशेष सरकारी अभियोजक राजीव मोहन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 30, 2013 4:36 PM

-आईपीएल स्पॉट-फिक्सिंग-
नयी दिल्ली : राजस्थान रॉयल्स के निलंबित क्रिकेटर एस श्रीसंत और अंकित चव्हाण तथा 10 अन्य से आज यहां एक अदालत ने दिल्ली पुलिस के उस आवेदन पर प्रतिक्रिया देने को कहा जिसमें आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में उन्हें दी गयी जमानत को रद्द करने की मांग की गयी है.विशेष सरकारी अभियोजक राजीव मोहन ने कहा कि पहले उनके पास पर्याप्त सबूत नहीं थे इसलिए आरोपियों को जमानत पर छोड़ा गया था. लेकिन अब उनके पास यह साबित करने के लिए पुख्ता सबूत हैं कि गिरफ्तार किये गये लोग अंडरवल्र्ड डॉन दाउद इब्राहिम और उसके सहयोगी छोटा शकील के कहने पर काम कर रहे थे.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रेणु भटनागर ने क्रिकेटरों और सट्टेबाजों को 21 अगस्त को जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया. अदालत ने कल दाखिल आरोपपत्र का भी संज्ञान लिया और निर्देश दिया कि हर आरोपी को एक प्रति दी जाए. अदालत ने 10 जून को आरोपियों को जमानत देते हुए कहा था कि प्रथमदृष्टया आरोपियों के खिलाफ यह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं कि उनकी सांठगांठ संगठित अपराध सिंडीकेट से थी.

दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने अब कहा है कि उन्हें दी गयी जमानत के आदेश को रद्द करने के पर्याप्त आधार हैं. पुलिस की ओर से याचिका रखने वाले मोहन ने कहा कि महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के सख्त प्रावधानों के लागू होने के चलते आरोपियों को जमानत का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि सीएफएसएल की रिपोर्ट के अनुसार विदेश में बैठे अंडरवल्र्ड के लोगों से प्रत्यक्ष या परोक्ष रुप से बात कर रहे हर आरोपी की आवाज की पहचान कर ली गयी है.

मोहन ने कहा, ‘‘हमने मामले में आरोपपत्र में 39 लोगों के बीच भेजे गये संदेशों के 2000 पन्ने नत्थी किये हैं.’’ मामले में 39 आरोपियों में से 21 जमानत पर हैं और आठ हिरासत में हैं. शेष 10 फरार हैं. इस बीच अदालत ने आरोपी जितेंद्र जैन की जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए 7 अगस्त की तारीख मुकर्रर की. जैन न्यायिक हिरासत में है. दिल्ली पुलिस ने कहा था कि वह दाखिल आरोपपत्र के आधार पर दलीलें रखना चाहती है. न्यायिक हिरासत में बंद सात अन्य की जमानत अजिर्यों पर भी अदालत का फैसला 7 अगस्त तक के लिए टाल दिया गया है.

जितेंद्र और सात अन्य लोगों के वकील ने दिल्ली पुलिस की इस दलील का पुरजोर विरोध किया कि वह अपने आरोपपत्र के आधार पर दलीलें रखना चाहती है. सात अन्य लोगों में अश्विनी अग्रवाल, रमेश व्यास, दीपक कुमार, फिरोज फरीद अंसारी और सुनील भाटिया, पूर्व रणजी क्रिकेटर बाबूराव यादव और राजस्थान रॉयल्स के खिलाड़ी अजीत चंदीला हैं. अदालत ने जमानत अजिर्यों पर सुनवाई टालते हुए बचाव पक्ष के इस अनुरोध को नहीं स्वीकारा कि अभियोजन पक्ष को नये सिरे से दलीलें रखने की अनुमति नहीं दी जाए.

आरोपियों के वकीलों ने यह दलील भी दी कि अभियोजन पक्ष को 21 आरोपियों की जमानत रद्द करने के लिए प्रथमदृष्टया मामला दर्शाना होगा. दिल्ली पुलिस ने 6,000 पन्नों के अपने आरोपपत्र में कहा है कि दाउद इब्राहिम और उसके सहयोगी छोटा शकील भारत में क्रिकेट में फिक्सिंग और सट्टेबाजी के बाजार को संचालित कर रहे हैं और आईपीएल स्पॉट-फिक्सिंग स्कैंडल में उनका हाथ है.

पुलिस ने अभियोजन पक्ष के गवाहों के तौर पर 168 लोगों की सूची दी है जिसमें राजस्थान रॉयल्स के कैप्टन राहुल द्रविड़ का नाम है. आरोपपत्र में फरार बताये गये लोगों में दाउद, उसका सहयोगी छोटा शकील, उनके साथी चूटानी, सलमान, एहतेशाम, मोहम्मद आमिर और सट्टेबाजा संजय अग्रवाल, चंद्रेश जैन, प्रवीण कुमार तथा संदीप शर्मा हैं.

आरोपपत्र कहता है कि इस मामले में जांच से आरोपियों पर आईपीसी की धारा 120 बी (साजिश), 419 और 420 के तहत और मकोका के सख्त प्रावधानों के तहत दंडनीय अपराधों के लिए मुकदमा चलाने के लिहाज से पर्याप्त सबूत सामने आये हैं.मकोका की धारा 3 के तहत आरोपियों को उम्रकैद की अधिकतम सजा मिल सकती है और 5 लाख रुपये का जुर्माना लग सकता है. वहीं धारा 4 के तहत 10 साल कैद की सजा दी जा सकती है और उसके साथ एक लाख रुपये का जुर्माना लग सकता है और आरोपी की संपत्ति भी जब्त की जा सकती है.

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