क्या एक जीत के लिए तरस रही टीम इंडिया ला पायेगी विश्व कप ?
विश्व कप आरंभ होने में अब कुछ दिन ही रह गये हैं और टीम इंडिया अपने प्रदर्शन को लेकर सशंकित है. मैदान में न तो कप्तान महेंद्र सिंह धौनी का जादू काम आ रहा है और न ही अन्य खिलाडियों का जलवा. टीम इंडिया हर मोरचे में विफल होती नजर आ रही है. चाहे बात […]
विश्व कप आरंभ होने में अब कुछ दिन ही रह गये हैं और टीम इंडिया अपने प्रदर्शन को लेकर सशंकित है. मैदान में न तो कप्तान महेंद्र सिंह धौनी का जादू काम आ रहा है और न ही अन्य खिलाडियों का जलवा. टीम इंडिया हर मोरचे में विफल होती नजर आ रही है. चाहे बात गेंदबाजों की हो या फिर बल्लेबाजों की सभी ने निराश किया है.
विश्व के सबसे महान बल्लेबाजों से सजी भारतीय टीम जब अपने देश में होती है तो नजारा कुछ अलग रहता है, लेकिन जब विदेशी दौरे पर टीम रहती है तो बल्लेबाजों का बल्ला खामोश हो जाता है. बल्लेबाज इस तरह से आउट होते हैं जैसे वे इससे पहले मैदान पर कभी उतरे ही नहीं हैं. भारतीय धरती पर रिकार्ड पर रिकार्ड की झडियां लगाने वाले बल्लेबाज को न जाने क्या हो जाता है कि विदेश में उनकी धार कूंद पड़ जाती है.
ये तो रही बल्लेबाजों की बात, लेकिन भारत के गेंदबाजों ने तो टीम को कहीं का नहीं छोड़ा. गेंदबाजों का प्रदर्शन श्रृंखला दर श्रृंखला गिरता ही जा रहा है. टीम इंडिया के गेंदबाजों में ऐसा दम दिखाई नहीं देता है जिसके सामने विदेशी बल्लेबाज चित हो जाएं, उनकी गेंदों को खेलने से पहले दस बार सोचें. क्षेत्ररक्षण में तो भारतीय टीम कभी से भी अच्छी नहीं रही है. हालांकि युवा खिलाडियों के आने से क्षेत्ररक्षण में बहुत हद तक सुधार हुआ है. लेकिन जब विश्व कप में दुनिया के दिग्गज टीम से मुकाबला होना है तो टीम में चपलता की कमी नहीं होनी चाहिए.
टीम इंडिया अक्टूबर से ऑस्ट्रेलिया की धरती में मैच खेल रही है. तीन महीने का समय किसी भी टीम के लिए काफी होता है वहां की आबोहवा को जानने-समझने के लिए. लेकिन भारतीय टीम जिस तरह से प्रदर्शन कर रही है लगता नहीं है कि पिछले तीन महीने से टीम विदेशी दौरे पर है. ऐसा माना जाता है कि महेंद्र सिंह धौनी की मैदान पर मौजूदगी ही काफी होती है जीत के लिए. लेकिन मौजूदा श्रृंखला में धौनी की धार भी कूंद पड़ गयी है. मैदान पर उनकी सूझबूझ दिखायी नहीं पड़ रही है. इसके पीछे क्या कारण हो सकता है यह अभी सवाल ही बना हुआ है.
ऑस्ट्रेलिया की धरती में भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया के साथ चार मैचों की टेस्ट श्रृंखला, पांच मैचों की वनडे श्रृंखला और ऑस्ट्रेलिया-इंग्लैंड के साथ त्रिकोणीय श्रृंखला खेल चुकी है. लेकिन इन सारे मैचों में टीम इंडिया को एक मैच में भी जीत नहीं मिल पायी.
धौनी के धुरंधर एक जीत के लिए तरस गये हैं. ऑस्ट्रेलियाय और इंग्लैंड की टीम ने भारतीय टीम को बुरी तरह से कुचल कर रख दिया है. विश्व कप से पहले इस तरह का हाल भारतीय टीम के लिए शुभ संकेत नहीं है. विश्व कप के पहले लीग मैच में अपने चिरप्रतिद्वंद्वी टीम पाकिस्तान के साथ 15 फरवरी को भिड़ना है. आज तक भारत विश्व कप में पाकिस्तान से नहीं हारा है.
पाकिस्तानी क्रिकेटर मैच से पहले ही जीत के प्रति उत्साहित दिख रहे हैं. एक और जीत के प्रति उत्साहित पाकिस्तानी टीम और दूसरी और एक जीत के लिए तरस रही टीम इंडिया क्या अपने प्रदर्शन को सुधारते हुए विश्व कप दोबारा लाने में कामयाब रहेगी.