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कल बीसीसीआई की बैठक, तय होगा एन. श्रीनिवासन का भविष्य

नयी दिल्ली : बीसीसीआई की अधिकार संपन्न कार्यकारी समिति की आठ फरवरी को चेन्नई में बैठक होगी जिसमें वार्षिक आम बैठक (एजीएम) की तिथि पर फैसला किया जाएगा. इसके अलावा इसमें निर्वासित अध्यक्ष एन श्रीनिवासन की भविष्य रणनीति पर भी जानकारी मिलेगी. पता चला है कि कार्यकारी समिति के अधिकतर सदस्य सात फरवरी को चेन्नई […]

नयी दिल्ली : बीसीसीआई की अधिकार संपन्न कार्यकारी समिति की आठ फरवरी को चेन्नई में बैठक होगी जिसमें वार्षिक आम बैठक (एजीएम) की तिथि पर फैसला किया जाएगा. इसके अलावा इसमें निर्वासित अध्यक्ष एन श्रीनिवासन की भविष्य रणनीति पर भी जानकारी मिलेगी. पता चला है कि कार्यकारी समिति के अधिकतर सदस्य सात फरवरी को चेन्नई में मिलेंगे जहां श्रीनिवासन कुछ सदस्यों के साथ अनौपचारिक बातचीत कर सकते हैं.

बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने कहा, हमें सर्कुलर मिला है कि कार्यकारी समिति की बैठक आठ फरवरी को होगी. इसलिये चेन्नई में पांच फरवरी को होने वाली सदस्यों की अनौपचारिक बैठक अब नहीं होगी. संभावना है कि श्रीनिवासन बैठक से पहले सात फरवरी को कार्यकारी समिति में शामिल चुनिंदा इकाईयों के प्रतिनिधियों से मिल सकते है. उन्होंने कहा, कार्यकारी समिति में वे इकाईयां भी शामिल हैं जो पूरी तरह से श्रीनिवासन के खिलाफ हैं. वह अगले दिन बैठक में भाग लेने से पहले केवल अपने वफादारों से ही बात करना पसंद करेंगे.

लेकिन अभी तक उन्होंने अपनी भविष्य की योजना के बारे में कुछ नहीं बताया है. उच्चतम न्यायालय के फैसले ने उन्हें चुनावों से प्रभावी तौर पर बाहर कर दिया है. उच्चतम न्यायालय ने 22 जनवरी को अपने फैसले में कहा था, व्यावसायिक हित रखने वाले किसी भी व्यक्ति को चुनाव लडने की अनुमति नहीं मिलेगी. इसका मतलब है कि श्रीनिवासन तब तक बीसीसीआई प्रमुख पद का चुनाव नहीं लड सकते हैं जब तक कि वह हितों के टकराव के आरोपों से खुद को अलग नहीं नहीं कर देते हैं.
न्यायालय ने इसके साथ ही बीसीसीआई को फैसले के छह सप्ताह के अंदर अपनी एजीएम बुलाने और चुनाव करवाने के भी निर्देश दिये थे. नियमों के अनुसार एजीएम की तिथि घोषित करने से पहले बीसीसीआई को बैठक से पहले अपने सभी सदस्यों को तीन सप्ताह का नोटिस देने की जरुरत है. इसका मतलब है कि श्रीनिवासन और उनके सहयोगियों को 12 फरवरी तक एजीएम की तिथि पर फैसला करना होगा क्योंकि उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के हिसाब से एजीएम मार्च के पहले सप्ताह तक हो जानी चाहिए.
न्यायालय ने कहा था कि श्रीनिवासन को चेन्नई सुपरकिंग्स से पूरी तरह से नाता तोडना होगा जिसकी पूर्व मुख्य न्यायाधीय आर एम लोढा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय समिति जांच कर रही है. इस समिति का गठन अदालत ने किया था.समिति को चेन्नई सुपरकिंग्स और राजस्थान रायल्स को मिलने वाली सजा के बारे में फैसला करने के लिये छह महीने का समय दिया गया है और ऐसे में श्रीनिवासन के लिये छह सप्ताह के अंदर फ्रेंचाइजी से नाता तोडकर बीसीसीआई चुनाव लड़ना व्यावहारिक तौर पर असंभव होगा.

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