नयी दिल्ली : क्रिकेट विश्वकप 2015 का आगाज 14 फरवरी से हो रहा है. भारत के लिए विश्वकप का सबसे अहम मैच 15 फरवरी को ही खेला जाना है, जिसमें उसका मुकाबला पाकिस्तान से है. भारत-पाकिस्तान के मैच में दोनों टीमें अपनी पूरी ताकत झोंक देती हैं और उनके लिए यह मुकाबला जीवन-मरण सा होता है. इस परिस्थिति में अगर भारत के चार प्रमुख खिलाड़ी रोहित शर्मा, रवींद्र जडेजा,ईशांत शर्मा और भुवनेश्वर कुमार फिटनेस की समस्या से जूझ रहे हों, तो भारत के लिए परेशानी बहुत ज्यादा है. सात फरवरी को इनका फिटनेस टेस्ट होना है. इस टेस्ट में अगर यह खिलाड़ी फिट साबित नहीं हुए, तो भारत के लिए अपने खिताब को बचा पाना और कठिन हो जायेगा.
भारतीय गेंदबाजी के मेन स्ट्रेंथ माने जाने वाले भुवनेश्वर कुमार और ईशांत शर्मा के अनफिट रहने के कारण पहले से ही कमजोर मानी जाने वाली भारतीय गेंदबाजी और भी ढीली हो गयी है. पिछले कुछ सीरीज से भारतीय गेंदबाजी सवालों के घेरे में है. भारतीय गेंदबाज विपक्षी टीम के सामने बेचारे से प्रतीत हो रहे हैं.
एक तो गेंदबाज अपनी लाइन और लेंथ को मेंनटेन नहीं कर पा रहे हैं, उसपर फिटनेस की समस्या भी है. फिटनेस की समस्या से काफी दिनों तक जूझने के बाद जब रोहित शर्मा ने वापसी की, तो उन्होंने एकदिवसीय मैच में 265 रन बनाकर एक रिकॉर्ड बना दिया. लेकिन उसके बाद से उनका बल्ला उतनी अच्छी तरह नहीं चल रहा है और वे फिटनेस की समस्या से पीड़ित हैं.
रवींद्र जडेजा भी चोटिल हैं, जबकि टीम उनकी ओर काफी आशा भरी निगाह से देख रही है. ऐसे में महेंद्र सिंह धौनी की परेशानी बढ़ती नजर आ रही है. अब देखना यह है कि अगर ये चारों अनफिट खिलाड़ी फिटनेस टेस्ट पास नहीं करते हैं, तो धौनी किस तुरूप के पत्ते का इस्तेमाल करेंगे और वह कितना कारगर होगा. पूर्व भारतीय क्रिकेटर बिशन सिंह बेदी ने तो चोटिल खिलाड़ियों के फिटनेस टेस्ट को इतनी देरी से रखने पर भी सवाल उठाये हैं. उनका कहना है कि फिटनेस टेस्ट इतना विलंबित क्यों किया गया है. ऐसे में तो टीम इंडिया विश्वकप तक अपनी मुख्य टीम का चयन ही नहीं कर पायेगी.