नयी दिल्ली : पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर का मानना है कि ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में 14 फरवरी से शुरू होने वाला विश्व कप अब तक का सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी होगा क्योंकि कई टीमें खिताब की दावेदार हैं.गावस्कर ने कहा, क्या इस बार ऑस्ट्रेलिया जीतेगा या न्यूजीलैंड, जिसका ब्रैंडन मैकुलम की कप्तानी में बहुत अच्छा संयोजन और तालमेल है. क्या भारत अपना खिताब बचाने में सफल रहेगा? या दक्षिण अफ्रीका आखिर में खिताब जीतेगा? उन्होंने पत्रकार आशीष रे की किताब क्रिकेट वर्ल्ड कप द इंडियन चैलेंज की भूमिका में लिखा है, इस विश्व कप के बारे में भविष्यवाणी करना बहुत मुश्किल है क्योंकि कई टीमों के पास जीत का मौका है और यह शायद अब तक सबसे प्रतिस्पर्धी विश्व कप होगा.
गावस्कर ने अपने कैरियर में चार विश्व कप ( 1975, 79, 83 और 87 ) में हिस्सा लिया था.उन्होंने कहा कि सत्तर के दशक से लेकर अब तक वनडे क्रिकेट में काफी बदलाव आ गया है और कभी मजे के लिए खेलने वाली भारतीय टीम दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीमों में शामिल हो गयी है.
भारतीय टीम ने 1980- 81 में ऑस्ट्रेलिया में त्रिकोणीय श्रृंखला में भाग लेने के बाद ही रणनीति और मैच कैसे जीतने हैं इस बारे में सोचना शुरू किया था. उन्होंने कहा, तब तक यह ऐसा प्रारूप था जिसे केवल मजे के लिए खेलते थे और परिणाम से टेस्ट टीम के किसी खिलाड़ी की स्थिति पर असर नहीं पडता था.गावस्कर ने इसके साथ ही कहा कि ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में 1992 में हुए विश्व कप ने बदलाव में अहम भूमिका निभायी.
उन्होंने कहा, विश्व कप के ऑस्ट्रेलिया में आयोजित होने के बाद ही रंगीन पोशाक और क्षेत्ररक्षण की पाबंदियां शुरू हुई.1994 के बाद बाउंसर पर प्रतिबंध लगा दिया और 2003 विश्व कप में ही इसकी वापसी हुई.मैच 1987 से ही 50 ओवर प्रति टीम का बन गया था तथा अधिकतर मैच दिन रात्रि के होने लगे और दूधिया रोशनी में खेले जाने लगे.