मानसिक थकान से उबरना भारतीय टीम के लिए जरूरी : सचिन तेंदुलकर
नयी दिल्ली : विश्व कप 1992 से पहले भी भारतीय टीम टेस्ट श्रृंखला और त्रिकोणीय एक दिवसीय श्रृंखला खेलकर आयी थी और चैंपियन क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर का मानना है कि इसी तरह का शेड्यूल इस बार भी होने से थकान भारतीय टीम के लिए अहम मसला होगा. भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया में चार टेस्ट मैचों की […]
नयी दिल्ली : विश्व कप 1992 से पहले भी भारतीय टीम टेस्ट श्रृंखला और त्रिकोणीय एक दिवसीय श्रृंखला खेलकर आयी थी और चैंपियन क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर का मानना है कि इसी तरह का शेड्यूल इस बार भी होने से थकान भारतीय टीम के लिए अहम मसला होगा.
भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया में चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला 2 – 0 से हार गयी और त्रिकोणीय श्रृंखला का एक भी मैच नहीं जीत सकी थी. भारत ने विश्व कप के पहले मैच में पाकिस्तान को हराया. सचिन का मानना है कि भारतीय टीम को तरोताजा रहना होगा.
उन्होंने कहा , त्रिकोणीय श्रृंखला और विश्व कप 1992 के बीच 15 – 20 दिन का अंतर होने के बावजूद हम वापस नहीं लौटे थे. टूर्नामेंट के आखिर में हम मानसिक और शारीरिक रूप से बुरी तरह थके हुए थे. उन्होंने कहा , आप जिम जा सकते हैं और वर्जिश कर सकते हैं ताकि शारीरिक रूप से फिट रह सके. लेकिन मानसिक फिटनेस के लिए आपको खेल से खुद को अलग करके तरोताजा होना होगा ताकि नये सिरे से अच्छा प्रदर्शन कर सके.
तेंदुलकर ने यह भी चेताया कि भारत को विराट कोहली पर अत्यधिक निर्भर नहीं रहना चाहिए. उन्होंने कहा ,आपके पास हमेशा कुछ अहम खिलाड़ी रहते हैं. अजिंक्य रहाणे भी उनमें से एक है क्योंकि विपक्षी गेंदबाज उसके लिए उतनी रणनीति नहीं बनायेंगे जितनी रोहित या विराट या धौनी के लिए.