नयी दिल्ली: बीसीसीआई के निर्वासित अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के बोर्ड की कार्यसमिति की बैठक में शामिल होने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जतायी है. न्यायालय ने कहा कि उसके फैसले के बाद उनकी स्थिति ह्यकमजोरह्ण हो गयी है. न्यायालय ने आईपीएल भ्रष्टाचार के मामले में अपने फैसले में उनके संदर्भ में कहा था कि हितों के टकराव था.न्यायमूर्ति टी एम ठाकुर और न्यायमूर्ति एफएमआई कलीफुल्ला की पीठ ने हालांकि श्रीनिवासन को आज अवमानना नोटिस जारी नहीं किया क्योंकि उनकी ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने निर्देश प्राप्त कर न्यायालय को अवगत कराने के लिए शुक्रवार तक का समय मांगा था.
न्यायालय ने क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार की अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान ये टिप्पणियां कीं. इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि श्रीनिवासन ने शीर्ष अदालत के फैसले का कथित रूप से उल्लंघन करते हुये बोर्ड की वार्षिक आमसभा की बैठक मार्च में कराने के लिए कार्यसमिति की बैठक की.शीर्ष अदालत ने कहा था कि इस मामले में बीसीसीआई के अध्यक्ष के रूप में श्रीनिवासन के कर्तव्यों और गुरुनाथ मयप्पन के ससुर तथा आईपीएल टीम चेन्नई सुपर किंग्स के मालिक के रूप में हितों का टकराव था.