डालमिया फिर बने बीसीसीआई अध्यक्ष, श्रीनिवासन धड़े को करारा झटका

चेन्नई : वरिष्ठ क्रिकेट प्रशासक जगमोहन डालमिया को आज सर्वसम्मति से बीसीसीआई का अध्यक्ष चुन लिया गया लेकिन एन श्रीनिवासन धडे को तब करारा झटका लगा जब विरोधी गुट के अनुराग ठाकुर बोर्ड को सालाना आम बैठक में आज संजय पटेल को पछाडकर सचिव चुने गए. बहुप्रतीक्षित एजीएम में हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ के प्रमुख […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 1, 2015 3:30 PM

चेन्नई : वरिष्ठ क्रिकेट प्रशासक जगमोहन डालमिया को आज सर्वसम्मति से बीसीसीआई का अध्यक्ष चुन लिया गया लेकिन एन श्रीनिवासन धडे को तब करारा झटका लगा जब विरोधी गुट के अनुराग ठाकुर बोर्ड को सालाना आम बैठक में आज संजय पटेल को पछाडकर सचिव चुने गए.

बहुप्रतीक्षित एजीएम में हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ के प्रमुख ठाकुर को मिली एक वोट की अप्रत्याशित जीत को छोडकर चुनाव में सभी पदों पर श्रीनिवासन गुट का पलडा भारी रहा. श्रीनिवासन उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के कारण खुद चुनाव नहीं लड सके.

झारखंड क्रिकेट संघ के अमिताभ चौधरी गोवा के चेतन देसाई को पीछे छोडकर संयुक्त सचिव चुने गए. देसाई श्रीनिवासन के विरोधी गुट के सदस्य थे. हरियाणा के अनिरुद्ध चौधरी ने राजीव शुक्ला को 16-13 से हराकर कोषाध्यक्ष पद पर कब्जा किया.

तीन उपाध्यक्ष निर्विरोध चुने गए जिनमें से दो पद श्रीनिवासन गुट को गए. केरल के टी सी मैथ्यूज (पश्चिम क्षेत्र)और दिल्ली के सी के खन्ना मध्य क्षेत्र (ने चुनाव जीता. खन्ना ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराया जबकि मैथ्यूज ने रवि सावंत को मात दी. निर्विरोध चुने गए उपाध्यक्षों में आंध्र के गोकाराजू गंगाराजू (दक्षिण), असम के गौतम राय (पूर्व) और जम्मू कश्मीर के एम एल नेहरु (उत्तर) शामिल हैं. डालमिया के चयन का रास्ता साफ हो गया था जब पवार को पूर्वी क्षेत्र से प्रस्तावक नहीं मिला जिससे वह दौड से बाहर हो गए.

भाजपा नेता ठाकुर ने सिर्फ एक वोट से श्रीनिवासन के विश्वस्त पटेल को हराया. यदि चुनाव के दौरान क्रास वोटिंग नहीं हुई होती तो यह हालात पैदा नहीं होते. संयुक्त सचिव पद के लिये देसाई और चौधरी दोनों को समान 15 मत मिले लेकिन बैठक की अध्यक्षता कर रहे शिवलाल यादव ने अपना मत चौधरी को दिया. चूंकि श्रीनिवासन विरोधी खेमे के बाकी उम्मीदवार चुनाव हार गए तो यह स्पष्ट है कि क्रास वोटिंग सिर्फ ठाकुर के लिये हुई.

बीसीसीआई ने प्रेस विज्ञप्ति में प्रत्येक पद के विजेता के नामों की घोषणा की लेकिन उनको मिले मतों की जानकारी नहीं दी. इसमें यह भी कहा गया है कि वित्त वर्ष 2013-14 के आडिट किये गये खातों को भी आज की बैठक में मंजूरी दी गयी. एक शीर्ष अधिकारी के अनुसार एजीएम में श्रीनिवासन की आईसीसी चेयरमैन के रुप में नियुक्ति की भी पुष्टि की गयी.

एजीएम में एक अन्य फैसला यह किया गया कि आईसीसी की मुख्य कार्यकारी समिति की बैठकों में अब बीसीसीआई का प्रतिनिधित्व ठाकुर करेंगे. एजीएम ने इसके साथ ही वर्तमान राष्ट्रीय चयनसमिति का कार्यकाल छह महीने और बढाने का भी फैसला किया गया. बंगाल क्रिकेट संघ के अध्यक्ष 74 वर्षीय डालमिया को श्रीनिवासन की वफादार सभी ईकाइयों ने सर्वसम्मति से चुना. लगभग एक दशक बाद उनकी शीर्ष पद पर वापसी हुई है.

इस बार अध्यक्ष नामित करने की बारी पूर्वी क्षेत्र की थी जहां से पवार को कोई प्रस्तावक नहीं मिल सका. आईसीसी के पूर्व अध्यक्ष पवार 2001 से 2004 के बीच बीसीसीआई प्रमुख थे. पूर्व की सभी छह ईकाइयों ने रविवार को यहां हुई बैठक में श्रीनिवासन गुट के प्रति वफादारी जताई थी. मराठा क्षत्रप पवार ने भी अपने सहयोगियों से बैठक की थी.

उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के बाद डालमिया का अध्यक्ष बनना तय हो गया था क्योंकि न्यायालय ने श्रीनिवासन को चुनाव लडने से रोककर सिर्फ वोटिंग का अधिकार दिया था. कानूनी लडाई के कारण एजीएम कई बार स्थगित की गई. उच्चतम न्यायालय फिलहाल आईपीएल स्पाट फिक्सिंग मामले की सुनवाई कर रहा है जिसमें बीसीसीआई अध्यक्ष और आईपीएल टीम मालिक के तौर पर श्रीनिवासन के हितों के टकराव की न्यायालय ने आलोचना की है.

बैठक में भाग लेने वाले श्रीनिवासन के विरोधी गुट के सदस्य ने आरोप लगाया कि शिवलाल यादव ने बेहद अलोकतांत्रिक तरीके से एजीएम की अध्यक्षता की. उन्होंने दावा किया कि बडौदा क्रिकेट संघ के प्रतिनिधि राकेश पारिख को मतदान से अयोग्य घोषित कर दिया गया और इससे परिणामों पर असर पडा. बडौदा क्रिकेट संघ के दो गुट एजीएम में पहुंच गये थे और समरजीतसिंह गायकवाड को बैठक में भाग लेने की अनुमति दी गयी.

सदस्य ने कहा, पारिख को अयोग्य क्यों घोषित किया गया इस पर यादव ने जवाब नहीं दिया. उनसे लगातार पूछा गया कि लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया. इसके कारण श्रीनिवासन के विरोधी गुट के कई सदस्य चुनाव हार गये. उन्होंने कहा कि पश्चिम क्षेत्र की कुछ इकाईयां चुनावों को अदालत में चुनौती देने पर विचार कर सकती हैं.

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