टेलर ने कहा, परिवार की जरुरतों के कारण संन्यास का फैसला किया
आकलैंड : किसी खिलाड़ी के लिये 29 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला आसान नहीं होता लेकिन ब्रेंडन टेलर को अपने परिवार की जरुरतों को ध्यान में रखकर यह कडा फैसला करना पडा क्योंकि अपने देश के लिये टेस्ट और वनडे खेलकर वह उनका अच्छी तरह से खयाल नहीं रख […]
आकलैंड : किसी खिलाड़ी के लिये 29 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला आसान नहीं होता लेकिन ब्रेंडन टेलर को अपने परिवार की जरुरतों को ध्यान में रखकर यह कडा फैसला करना पडा क्योंकि अपने देश के लिये टेस्ट और वनडे खेलकर वह उनका अच्छी तरह से खयाल नहीं रख पा रहे हैं.
टेलर ने अब तक 166 वनडे में 5120 रन बनाये. वह भारत के खिलाफ कल यहां जिम्बाब्वे की तरफ से आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच खेलेंगे. इसके बाद वह अपने परिवार के साथ नाटिंघम में बस रहे हैं जहां वह काउंटी क्रिकेट में खेलेंगे.
टेलर से पूछा गया कि आखिरी बार जिम्बाब्वे की तरफ से खेलने को लेकर वह कितने भावुक हैं, उन्होंने कहा, यह मेरे लिये मुश्किल सवाल है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहना आसान फैसला नहीं था. उन्होंने भारत के खिलाफ मैच की पूर्व संध्या पर कहा, मैं वहां जाकर क्रिकेटर के रुप में खुद को निखारना चाहता हूं और आखिर में हम सभी अपने परिवार को अच्छी सुविधाएं देने की कोशिश करते हैं और मेरे लिये यह महत्वपूर्ण है.
टेलर ने कहा, हां अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट हमेशा मेरे लिये सर्वोपरि रहेगा लेकिन मैंने अपने परिवार और पत्नी से इस बारे में चर्चा की तथा दो से तीन महीने तक ऐसा करने के बाद मैंने इंग्लैंड में जाकर खेलने का फैसला किया. जब घर में आपके बच्चे हों तो आप उन्हें अपनी तरफ से सर्वश्रेष्ठ सुविधाएं देने का प्रयास करते हो.
इन सब कारणों से ही मैंने यह फैसला किया. यह फैसला तीन साल के लिये किया गया है. उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता कि तीन साल बाद मैं सब कुछ गंवा दूंगा. मैं उसके बाद इंग्लैंड में खेलना जारी रखूंगा या वापस जिम्बाब्वे लौटूंगा, यह अभी बहुत बाद की बात है.