आकलैंड : अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर के रुप में अपना अंतिम मैच खेलने वाले जिंबाब्वे के ब्रैंडन टेलर ने स्वीकार किया कि उन्हें टीम की लाल जर्सी और साथी खिलाडियों की कमी खलेगी जिनके साथ उन्होंने शीर्ष स्तर पर वर्षों तक खेल का लुत्फ उठाया. टेलर ने आज यहां भारत के खिलाफ शतक बनाया लेकिन क्रिकेट विश्व कप में उनके विदाई मैच में टीम को छह विकेट से हार का सामना करना पडा.
टेलर ने जब यह पूछा गया कि उन्हें सबसे अधिक किस चीज की कमी खलेगी तो उन्होंने कहा, ‘‘अपनी यह लाल शर्ट पहनना। प्रत्येक क्रिकेटर का सपना होता है कि वह अपने देश की जर्सी पहने. हम इसीलिए खेल खेलते हैं. हम भाग्यशाली हैं कि हम ऐसा कर पाए. निश्चित तौर पर मुझे इसकी कमी खलेगी.’’ भावुक होते हुए टेलर ने कहा, ‘‘मुझे टीम के अपने साथियों की कमी खलेगी, हमारा एक दूसरे के साथ भाईचारा, हम जिस अच्छे और बुरे दौर से गुजरे. मैं 11 साल तक टीम का हिस्सा रहा और कुछ भी नहीं बदला.’’
टेलर ने कहा कि भारत के कई खिलाडी क्षेत्ररक्षण की अपनी जगह छोडकर 138 रन की अंतिम अंतरराष्ट्रीय पारी के लिए उन्हें बधाई देने आए जिससे वह काफी प्रभावित हुए. टेलर ने कहा, ‘‘भारत के कुछ खिलाडियों का तरीका काफी अच्छा लगा. शिखर, विराट और सुरेश मेरे पास आए. यह मेरे लिए काफी भावनात्मक था. उन्हें यह करने की जरुरत नहीं थी. वे स्थापित खिलाडी हैं और उन्होंने यह काफी अच्छा किया.
टीम के मेरे साथियों ने भी बधाई दी और मेरे योगदान के लिए धन्यवाद भी दिया.’’ टेलर से जब यह पूछा गया कि अंतरराष्ट्रीय करियर खत्म होने पर वह कैसा महसूस कर रहे हैं तो उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर मैं दुखी हूं. इस टूर्नामेंट में हमने जिस तरह का प्रदर्शन किया उसकी निराशा है. मैं अपने टीम के साथियों को कई साल के लिए छोडकर जा रहा हूं, देश को छोडकर जा रहा हूं जिसका दुख है.’’ इस विकेटकीपर बल्लेबाज ने कहा कि यह संभवत: उनके वनडे करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी थी लेकिन उन्होंने इसका लुत्फ नहीं उठाया क्योंकि जिंबाब्वे ने मैच गंवा दिया.