विश्वकप में न्यूजीलैंड यात्रा को लेकर नाखुश हैं धौनी

आकलैंड : भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने आज विश्व कप के न्यूजीलैंड चरण में अपनीयात्राके कार्यक्रम पर असंतोष जताते हुए कहा कि इससे खिलाडी प्रभावित हुए हैं और समय क्षेत्र में परिवर्तन और प्रतिकूल समय में यात्रा के कारण खिलाडी थक गए हैं. भारतीय टीम सात मार्च को पर्थ से मेलबर्न के लिए रवाना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 14, 2015 7:38 PM

आकलैंड : भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने आज विश्व कप के न्यूजीलैंड चरण में अपनीयात्राके कार्यक्रम पर असंतोष जताते हुए कहा कि इससे खिलाडी प्रभावित हुए हैं और समय क्षेत्र में परिवर्तन और प्रतिकूल समय में यात्रा के कारण खिलाडी थक गए हैं. भारतीय टीम सात मार्च को पर्थ से मेलबर्न के लिए रवाना हुई और न्यूजीलैंड समय के अनुसार आधी रात को मेलबर्न से आकलैंड पहुंची. आकलैंड आने के बाद टीम ने बस से डेढ घंटे की हैमिल्टन की यात्रा की.

आकलैंड से हैमिल्टन के बीच 25 मिनट की उडान है लेकिन इस रुट पर बडे विमान उडान नहीं भरते। यहां सिर्फ 10 सीट वाले छोटे विमान चलते हैं जो भारतीय दल के 33 सदस्यों (15 खिलाडी और 18 सहायक स्टाफ) के लिए पर्याप्त नहीं थे. पर्थ का समय मेलबर्न से साढे चार घंटे पीछे है जबकि आकलैंड का समय मेलबर्न से ढाई घंटे आगे है. लगातार यात्रा और समय में परिवर्तन से शरीर पर असर पडता है और भारतीय खिलाडियों के साथ भी ऐसा ही हुआ.

धौनी से जब पूछा गया कि क्वार्टर फाइनल के अपने प्रतिद्वंद्वी और स्थल का पता चलने के बाद क्या वह राहत महसूस कर रहे हैं तो उन्होंने कहा, ‘‘क्वार्टर फाइनल में आप किससे भिडोगे यह अधिक मायने नहीं रखता क्योंकि लगभग सभी टीम समान स्तर की हैं. न्यूजीलैंड में खेलना फायदा और नुकसान दोनों हो सकता है क्योंकि छोटे मैदानों पर हमारे स्पिनर प्रभावहीन हो जाते हैं. लेकिन हां उम्मीद करते हैं कि हमें बिजनेस क्लास की अच्छी सीटें मिलेंगी जिससे कि अपने अगले मैच से पहले हम पर्याप्त आराम कर पाएं.’’

भारतीय टीम 16 मार्च को मेलबर्न के लिए रवाना होगी जहां उसे 19 मार्च को बांग्लादेश के खिलाफ क्वार्टर फाइनल मैच खेलना है. यात्रा कार्यक्रम बनाने वालों पर निशाना साधते हुए धोनी ने कहा, ‘‘अगर आप न्यूजीलैंड में हमारा यात्रा कार्यक्रम देखो तो यह सही नहीं था. हमारे पास सामंजस्य बैठाने के लिए समय नही था. न्यूजीलैंड आने के बाद हमने बस यात्रा (आकलैंड से हैमिल्टन) की. काफी लोगों को समय में बदलाव से सामंजस्य बैठाने में परेशानी हो रही थी और इससे हमारे सोने के तरीके पर असर पडा.’’

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