सिडनी : दक्षिण अफ्रीका के कोच रसेल डोमिंगो को उम्मीद है कि उनकी टीम श्रीलंका के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करेगी और चोकर्स के टैग से खुद को मुक्त करेगी. डोमिंगो से 18 मार्च को सिडनी में होने वाले मैच से पूर्व जब टीम के दबाव की परिस्थितियों में बिखरने की आदत के बारे में पूछा गया, उन्होंने कहा,पिछले कुछ समय से यह ( चोकर्स ) दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट का हिस्सा रहा है. जब भी हम इस प्रतियोगिता है इस पर सवाल किये जाते हैं. उन्होंने कहा, हमने इस पर बात की.
हमें इस सच्चाई का सामना करना पड़ता है कि पूर्व में हमने मौके गंवाये थे.उम्मीद है कि हमने पिछली टीमों की गलतियों से सबक लिया होगा.अब हम नहीं चाहते कि हमारे साथ ऐसा कुछ हो.लेकिन हमारा मुख्य उद्देश्य अच्छी क्रिकेट खेलना है. पूर्व में क्या हुआ हम उस पर ध्यान नहीं देना चाहते हैं. दक्षिण अफ्रीका को खिताब का दावेदार माना जा रहा है लेकिन 1992 में पहली बार विश्व कप में उतरने के बाद दबाव में बिखरने का उसकी टीम का लंबा इतिहास रहा है.
दक्षिण अफ्रीका तब सिडनी में बारिश के नियम के कारण इंग्लैंड से सेमीफाइनल मैच हार गया था क्योंकि उसे एक गेंद पर 22 रन का असंभव लक्ष्य दिया गया था. चालीस वर्षीय डोमिंगो ने कहा, मैं तब मैट्रिक में पढ़ता था और 16 साल का था.जो कुछ 1992 में हुआ, उसमें हम कुछ नहीं कर सकते हैं.
हमारा पूरा ध्यान अभी अगले मैच पर टिका है. 1992 में क्या हुआ उसका हम कोई असर नहीं पड़ेगा.हम बुधवार को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे.ह्णह्ण दक्षिण अफ्रीका 1996 में क्वार्टर फाइनल में हार गया जबकि 1999 में बाद में चैंपियन बने ऑस्ट्रेलिया से सेमीफाइनल में मैच टाई छूटने के कारण वह खिताब की दौड़ से बाहर हो गया था.