विश्व कप 2007 में भारत को हराकर बाहर कर चुका है बांग्लादेश, धौनी को रहना होगा सावधान
विश्व कप 2015 अपने अगले चरण पर प्रवेश करने वाला है. कल से नॉकआउट चरण का मुकाबला शुरु होने वाला है. पहला क्वार्टर फाइनल में चोकर्स टीम के नाम से मशहूर दक्षिण अफ्रीकी टीम और श्रीलंकाई टीम के बीच भिड़ंत होना है. दूसरा मुकाबला टीम इंडिया का 19 मार्च को बांग्लादेशी टीम से होना है. […]
विश्व कप 2015 अपने अगले चरण पर प्रवेश करने वाला है. कल से नॉकआउट चरण का मुकाबला शुरु होने वाला है. पहला क्वार्टर फाइनल में चोकर्स टीम के नाम से मशहूर दक्षिण अफ्रीकी टीम और श्रीलंकाई टीम के बीच भिड़ंत होना है. दूसरा मुकाबला टीम इंडिया का 19 मार्च को बांग्लादेशी टीम से होना है.
हालांकि नॉकआउट चरण के सभी मुकाबले अहम हैं, लेकिन 19 मार्च को बांग्लादेश और भारत के बीच होने वाले मैच का इंतजार सभी को है. बांग्लादेशी टीम उलटफेर में माहिर मानी जाती है. इसी विश्व कप की अगर बात करें तो बांग्लादेशी टीम ने क्रिकेट के जन्मदाता इंग्लैंड को मात देकर बाहर का रास्ता दिखा दिया है. इंग्लैंड को हराकर बांग्लादेश पहली बार विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया है.
विश्व कप इतिहास को अगर पलट कर देखें तो यही बांग्लादेशी टीम है जिसने टीम इंडिया को 2007 के विश्व कप में 5 विकेट से हराकर विश्व कप से बाहर कर दिया था. 2007 विश्व कप टीम में भारत की ओर से कई दिग्गज खिलाड़ी खेल रहे थे. क्रिकेट के भगवान माने जाने वाले सचिन तेंदुलकर, ऑफ साइड के भगवान कहे जाने वाले बंगाल टाइगर सौरव गांगुली, मुलतान के सुलतान वीरेंद्र सहवाग, टीम इंडिया के दिवार के नाम से मशहूर राहुल द्रविड और कई नामी खिलाडियों से सजी भारतीय टीम को, कमजोर मानी जा रही बांग्लादेशी टीम ने बुरी तरह से कुचल कर विश्व कप से बाहर का रास्ता दिखा दिया था. विश्व कप से बाहर होने के बाद टीम इंडिया की बड़ी बुरी गत हुई थी. टीम को चौतरफा हमले सहने हुए.
कोच जॉन राइट और कप्तान राहुल द्रविड को बाद में टीम से हटाने की चर्चा होने लगी. जब विश्व के महान खिलाडियों से सजी टीम को बांग्लादेश ने हरा दिया तो मौजूदा टीम में तो कुछ खिलाडियों को छोड़ दें तो अधिकांश खिलाडियों के पास ज्यादे मैच खेलने का अनुभव भी नहीं है.
हालांकि मौजूदा विश्व कप की अगर बात करें तो टीम इंडिया ने अभी तक जैसा प्रदर्शन किया है. ऐसी उम्मीद की जा रही है कि बांग्लादेशी टीम को हराकर भारत शान से सेमीफाइनल में पहुंचेगा. सबसे बड़ी खुशी की बात है कि ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जितने भी खिलाड़ी असफल रहे थे वह वापस अपने फॉर्म में लौट गये हैं.
महेंद्र सिंह धौनी की अगर कप्तानी की बात करें तो उन्होंने विश्व कप के दौरान सबसे सफल कप्तान बनने का गौरव प्राप्त कर लिया है. इसके साथ ही क्वार्टर फाइनल में अगर बांग्लादेश को हराने में कामयाब रहते हैं तो यह उनका विदेश में जीत का शतक होगा.
और धौनी की बल्लेबाजी की बात की जाये तो उन्होंने पिछले दो मैचों में जिंबाब्वे और आयरलैंड के खिलाफ जिस तरह का प्रदर्शन किया है निसंदेह कहा जा सकता है इस विश्व कप में वह फिर से 2011 के इतिहास को दोहराकर भारत को एक बार फिर से विश्व चैंपियन बनने का गौरव दिलाने में कामयाब हो पायेंगे.