मेलबर्न : बांग्लादेश के खिलाफ विश्व कप क्वार्टर फाइनल में रोहित शर्मा की मैच विजेता पारी से प्रसन्न भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने आज कहा कि मुंबई का यह बल्लेबाज सलामी बल्लेबाज के रुप में टीम का अहम अंग है और मध्यक्रम में उनकी प्रतिभा बर्बाद हो रही थी.
रोहित ने क्वार्टर फाइनल 126 गेंदों पर 137 रन बनाये. कप्तान से पूछा गया कि उन्हें 2015 के रोहित और 2011 के रोहित में क्या बदलाव नजर आता है. धौनी ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, यदि मैं चार साल पहले की बात करुं तो यह वास्तविक तुलना नहीं होगी क्योंकि तब वह हमारे लिये पारी की शुरुआत नहीं कर रहा था.
हमें लगा कि यदि वह हमारे लिये नंबर छह पर बल्लेबाजी करता है तो यह प्रतिभा को बर्बाद करना होगा क्योंकि उसे बल्लेबाजी का पर्याप्त मौका नहीं मिलता था. हमारा शीर्ष क्रम तय था. हम उसे खेलने के बहुत मौके नहीं दे सकते हैं. उन्होंने रोहित के बारे में आगे भी बात की जिससे लगा कि उन्होंने इस बल्लेबाज के करियर का गहरा अध्ययन किया है.
धौनी ने कहा, यदि आप पहले 40 मैच देखो तो आपको लगेगा कि उसने बहुत अच्छा प्रदर्शन नहीं किया लेकिन इन 40 मैचों में वह कुछ अवसरों पर आखिरी चार या पांच ओवरों में बल्लेबाजी के लिये आया और यह मुश्किल होता है. उन्होंने कहा, भारत में कई बार आपको बल्लेबाजी का मौका नहीं मिलता और आपको यदि दो मैचों में आखिरी दस ओवरों में मौका मिलता है तो इसे अवसर माना जाता है. तब हमने उसे ओपनर बनाने का फैसला किया और उसने इसे स्वीकार कर लिया.
धौनी ने कहा, उसने विश्व टी20 (श्रीलंका) में पारी की शुरुआत की और तब हमें लगा कि उसे ओपनर बनाना सही रहेगा क्योंकि वह कट और पुल अच्छे करता है और वह नैसर्गिक स्ट्रोक प्लेयर है और यदि वह शीर्ष क्रम में है तो इससे कुछ हद तक मदद मिलती है. रोहित और सुरेश रैना ने आज चौथे विकेट के लिये 122 रन जोडे और उन्होंने जिस तरह से मैच का पासा पलटा उससे धौनी खुश हैं.
उन्होंने कहा, एक बार उन्होंने (बांग्लादेश के गेंदबाजों) अच्छी गेंदबाजी करनी शुरु की तो फिर बल्लेबाजों के लिये स्ट्राइक रोटेट करना मुश्किल था. मुझे लगता है कि रोहित और रैना ने वास्तव में अच्छी बल्लेबाजी की. धौनी ने रैना के बारे में कहा, हम सभी जानते हैं कि रैना नैसर्गिक स्ट्रोक प्लेयर है.
अक्सर वह बहुत जल्दी गेंदबाजों पर हावी हो जाता है. इसलिए उस जैसे बल्लेबाज का नंबर पांच पर होना अच्छा है लेकिन कुल मिलाकर जिस तरह से उन्होंने मैच का नक्शा बदला वह महत्वपूर्ण था क्योंकि तब एक विकेट और गिरता तो फिर हो सकता था कि हम 250 रन तक ही पहुंच पाते. ऑस्ट्रेलिया दौर में लचर प्रदर्शन करने वाली भारतीय टीम अब सेमीफाइनल में पहुंच गयी है जहां उसका मुकाबला पाकिस्तान या ऑस्ट्रेलिया में से किसी एक से हो सकता है.
ऑस्ट्रेलिया के एक पत्रकार ने जब धौनी से पूछा कि उन्हें क्या लगता है कि इनमें से कौन सी टीम सेमीफाइनल में पहुंचेगी, उन्होंने कहा, यह मायने नहीं रखता क्योंकि विश्व कप में आपको हर किसी और हर टीम के खिलाफ खेलना होता है. आपको हर टीम से जीतना होता है. लेकिन जब इस पत्रकार ने फिर से पूछा कि यदि ऑस्ट्रेलिया जीत जाता है तो आप उसके लिये कितने तैयार हैं, धौनी ने कहा, क्या आप बेट.काम या इसी तरह से कहीं पैसा लगा रहे हो.
बांग्लादेश की पारी के 21वें ओवर में शमी की गेंद पर डाइव लगाकर सौम्या सरकार का कैच लेने के बारे में धौनी ने पहले मजाकिया अंदाज में जबाब दिया लेकिन बाद में इसे संतोषजनक पल करार दिया. धौनी ने मुस्कराते हुए कहा, कभी-कभी ऐसा हो जाता है. यह महत्वपूर्ण था. बहुत अच्छी साझेदारी चल रही थी और मैंने केवल डाइव लगायी. मैंने सोचा कि यह मुझसे थोडी दूर है. मैंने डाइव लगायी और गेंद मेरे हाथों में आ गयी. यह संतोषजनक पल था.
आजकल टीमें अक्सर 300 रन से अधिक का स्कोर बना लेती हैं. इस पर धौनी ने कहा, ऐसा पांच खिलाडियों के घेरे के अंदर होने और टी20 के प्रभाव के कारण हो रहा है. टीमें विकेट बचाये रखती हैं और इससे मदद मिलती है. यदि विकेट शुष्क हो तो फिर कुछ रिवर्स स्विंग मिलती है लेकिन यदि विकेट सपाट हो तो अधिकतर टीम 300 रन बनाएंगी.
टीम में अचानक आये बदलाव के लिये धौनी ने कोई एक कारण नहीं बताया. उन्होंने कहा, यह बदलाव कैसे हुआ यह बताना मुश्किल है. हमारे बहुत अधिक खिलाडी सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में शामिल नहीं हैं लेकिन बल्लेबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया है. गेंदबाजी ऐसा विभाग था जिसमें हम सुधार चाहते थे.
यहां तक कि(विश्व कप से पहले) न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका में भी हम इस विभाग में जूझ रहे थे लेकिन अब बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने कहा, जैसे कि लचर फार्म में चल रहा बल्लेबाज फार्म में लौट आता है, उसी तरह क्रिकेट में इस तरह के कई तत्व होते हैं लेकिन हमें कई छोटी छोटी चीजों को सही करने की जरुरत थी.