एकदिवसीय क्रिकेट में 264 बनाने वाले रोहित शर्मा ने कहा, रिकॉर्ड बनते ही हैं टूटने के लिए

सिडनी : कल 26 मार्च को विश्वकप के सेमीफाइनल में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मुकाबला है. इस मुकाबले से पहले संवाददाताओं से बात करते हुए भारतीय ओपनर रोहित शर्मा ने कहा कि उन्हें इस बात का डर नहीं है कि एकदिवसीय में उनके द्वारा बनाये गये 264 रन के रिकॉर्ड को मार्टिन गुप्टिल या […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 25, 2015 12:37 PM

सिडनी : कल 26 मार्च को विश्वकप के सेमीफाइनल में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मुकाबला है. इस मुकाबले से पहले संवाददाताओं से बात करते हुए भारतीय ओपनर रोहित शर्मा ने कहा कि उन्हें इस बात का डर नहीं है कि एकदिवसीय में उनके द्वारा बनाये गये 264 रन के रिकॉर्ड को मार्टिन गुप्टिल या कोई और तोड़ देगा. उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड बनते ही हैं टूटने के लिए .

बांग्लादेश के खिलाफ शतक जमाकर फार्म में लौटे रोहित ने पत्रकारों को सवालों के जवाब भी अपनी बल्लेबाजी की शैली में दिये यानी सटीक और धाराप्रवाह. रोहित ने कहा कि हर रोज 200 रन नहीं बनाये जा सकते. यह काफी कठिन है. जब मैंने 264 रन बनाये थे तो मुझसे कहा गया था कि मुझे 300 बनाने चाहिए थे. लोगों की अपेक्षाएं काफी है. यदि आप 300 बनायेंगे तो 350 की अपेक्षा होगी. उनसे यह भी पूछा गया कि वह खराब शॉट क्यों नहीं खेलते , इस पर रोहित ने मुस्कुराकर कहा , यह काफी दिलचस्प सवाल है.

यदि मैं अच्छा शॉट खेलता हूं तो मुझे नहीं लगता कि खराब शॉट खेलने की जरूरत है. सिर्फ अच्छे शाट्स खेलते रहूंगा. यह पूछने पर कि वह इतनी सहजता से बड़े शॉट कैसे खेलते हैं, उन्होंने कहा , ईमानदारी से कहूं तो मुझे नहीं पता. बड़े शाट्स खेलते समय बेसिक्स सही होना जरूरी है. यह सही तकनीक का मसला है. यह पूछने पर कि महेंद्र सिंह धौनी की जगह वह प्रेस कांफ्रेंस में क्यों आये हैं, रोहित ने कहा ,क्योंकि मुझसे प्रेस कांफ्रेंस में आने के लिए कहा गया था. फिजियो नितिन पटेल, ट्रेनर सुदर्शन और मालिशिये रमेश माने के योगदान पर पूछे गए सवालों का भी उन्होंने जवाब दिया.

उन्होंने कहा , यह सबसे अहम सवाल है. लोग खिलाड़ियों और कोचिंग स्टाफ की तारीफ करते हैं लेकिन पीछे से काम करने वालों को कोई नहीं जानता. जिन लोगों की आपने बात की , उनकी भूमिका अहम है. उन्होंने कहा , जिस दिन से हम आये हैं, वे कड़ी मेहनत कर रहे हैं. लगातार चार महीने खेलना आसान नहीं है, खासकर तेज गेंदबाजों के लिए. ये लोग मेहनत करते हैं, तभी हम मैदान पर उतर पाते हैं.

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