भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों के पास बेहतरीन कप्तान हैं. दोनों ही कप्तान हर परिस्थिति में खुद को संयमित रखते हैं. धौनी जहां विरोधी की गलती का फायदा उठाने में माहिर हैं तो क्लार्क विरोधी को गलती करने पर बाध्य करते हैं. यह दोनों ही बतौर बल्लेबाज टीम को जीत दिलाने की क्षमता रखते हैं. गुरुवार को इनमें जिसका प्रदर्शन बेहतर रहेगा उसकी टीम जीत के ज्यादा करीब होगी.
जोरदार बैटिंग
बैटिंग ऑर्डर में मजबूती के लिहाज से भारत और ऑस्ट्रेलिया टूर्नामेंट की दो सबसे मजबूत टीमें हैं. भारत के टॉप तीन बल्लेबाजों में एक भी अगर बड़ी पारी खेलने में सफल रहता है तो टीम 300 का आंकड़ा पार कर जाती है.मध्यक्रम में भी रहाणो, रैना और धौनी फॉर्म में हैं. यही बात ऑस्ट्रेलिया पर भी लागू है. वार्नर, फिंच और स्मिथ के रूप में जोरदार टॉप ऑर्डर और क्लार्क, मैक्सवेल और वाटसन की मौजूदगी में असरदार और विध्वंसक मिडिल ऑर्डर.
इन फॉर्म बॉलिंग
भारत ने अपने सातों मैचों में प्रतिद्वंद्वी को ऑल आउट किया है. भारत की तीन पेसर शमी, उमेश और मोहित मिलकर 42 विकेट ले चुके हैं. अश्विन और जडेजा भी असरदार रहे हैं. इसी तरह ऑस्ट्रेलिया के लिए मिचेल स्टार्क, मिचेल जॉनसन और जोस हेजलवुड की पेस तिकड़ी किसी भी जलवा दिखाने में माहिर है. शेन वाटसन और जेम्स फॉकनर भी किफायती ही रहे हैं. फॉकनर डेथ ओवरों में बेहद कंजूस साबित होते हैं.
लोअर ऑर्डर हमारी कमजोरी और स्पिन में वे हैं उन्नीस
ऐसा नहीं है कि दोनों टीमों का हर पक्ष मजबूत ही है. दोनों की अपनी-अपनी कमजोरियां भी हैं. भारत का लोअर ऑर्डर अधिक दमदार नहीं दिख रहा. पांच विकेट गिर जायें और टीम को 125-150 रन और बनाने हों तो मुश्किल हो सकती है. जडेजा बतौर बल्लेबाज खास लय में नहीं, अश्विन बहुत तेजी से रन नहीं बना सकते हैं. इसी तरह ऑस्ट्रेलिया की टीम स्पिन के मामले में कमजोर दिख रहा है. सिडनी की पिच अगर स्पिनरों के लिए मददगार साबित हुई तो ऑस्ट्रेलिया को फंसाया जा सकता है. साथ ही कंगारुओं के पास ऐसे स्पिनर नहीं हैं, जो भारतीय बल्लेबाज को परेशान कर पायें.
पिच, मौसम और दर्शक
इस मैच के लिए वही पिच इस्तेमाल की जायेगी जिस पर श्रीलंका और दक्षिण अफ्रीका के बीच क्वार्टर फाइनल मुकाबला खेला गया था. हालांकि इससे बहुत ज्यादा उछाल मिलने की उम्मीद कम है. स्पिनरों को मदद मिलने की उम्मीद. मैच के दौरान बारिश नहीं होगी और आसमान भी साफ रहने की संभावना व्यक्त की गयी है. ऐसे में शुरुआती कुछ ओवर को छोड़कर ज्यादा स्विंग होने की उम्मीद नहीं है. विशेषज्ञों के मुताबिक पिच और हालात भारतीय टीम के ज्यादा अनुकूल है. दर्शकों में भारतीय समर्थकों की उपस्थिति ज्यादा रहेगी. 45000 टिकटों में 70 प्रतिशत भारतीयों ने खरीदे हैं.