विश्वकप के फाइनल मुकाबले में सचिन तेंदुलकर ने दिया मैन ऑफ द सीरीज का पुरस्कार

मेलबर्न : अब उनके हाथ में बल्ला नहीं होता है लेकिन दिग्गज भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर आज भी लोगों के दिलों में राज करते हैं और इसकी एक बानगी आज यहां तब देखने को मिली जब वह आईसीसी प्रशासकों के साथ विश्व कप फाइनल के समापन समारोह में भाग लेने के लिये मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 29, 2015 4:37 PM

मेलबर्न : अब उनके हाथ में बल्ला नहीं होता है लेकिन दिग्गज भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर आज भी लोगों के दिलों में राज करते हैं और इसकी एक बानगी आज यहां तब देखने को मिली जब वह आईसीसी प्रशासकों के साथ विश्व कप फाइनल के समापन समारोह में भाग लेने के लिये मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर उतरे. ऑस्ट्रेलिया की न्यूजीलैंड पर सात विकेट से जीत के बाद समापन समारोह में भाग लेने वाले लोगों में सबसे बडा नाम तेंदुलकर का था. तेंदुलकर का लोगों ने तालियां बजाकर स्वागत किया.

प्रस्तोता मार्क निकोलस समारोह में हिस्सा लेने वाली हस्तियों के नाम पर पढ रहे थे. इनमें आईसीसी चेयरमैन एन श्रीनिवासन भी शामिल थे. उन्होंने जैसे ही तेंदुलकर का नाम लिया लोगों ने तालियां बजाकर खुशी जतायी. इस भारतीय बल्लेबाज ने भी हाथ हिलाकर दर्शकों का अभिवादन किया. विश्व कप के ब्रांड एंबेसडर इस 41 वर्षीय बल्लेबाज ने मैन ऑफ द मैच जेम्स फाकनर और मैन आफ द टूर्नामेंट मिशेल स्टार्क को ट्रॉफियां सौंपी.

ऑस्‍ट्रेलिया के गेंदबाज मिचेल स्‍टार्क को विश्व कप में शानदार 22 विकेट झटकने के लिए मैन ऑफ दी मैच से सम्‍मानित किया गया. यह पुरस्‍कार दुनिया के महान बल्‍लेबाज और भारत रत्‍न सचिन तेंदुलकर ने प्रदान किया. स्‍टार्क ने विश्व कप में सबसे अधिक 22 विकेट झटके. स्‍टार्क ने आठ पारियों में 22 विकेट लिये. न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज ट्रेंट बोल्‍ट ने भी 22 विकेट लिये. बोल्‍ट ने 9 पारियों में 22 विकेट लिये.

बायें हाथ के तेज गेंदबाजों की त्रिमूर्ति की कहर बरपाती गेंदबाजी और अपना आखिरी वनडे खेल रहे कप्तान माइकल क्लार्क के दर्शनीय अर्धशतक से ऑस्ट्रेलिया ने आज यहां न्यूजीलैंड को 101 गेंद शेष रहते हुए तीन विकेट से करारी शिकस्त देकर पांचवीं बार आईसीसी क्रिकेट विश्व कप जीता.
मिशेल जानसन, जेम्स फाकनर और मिशेल स्टार्क ने न्यूजीलैंड की पारी की कमर तोडकर उसकी पूरी टीम को 45 ओवरों में 183 रन पर ढेर कर दिया. विश्व कप 1983 में भारत ने वेस्टइंडीज के खिलाफ फाइनल में इसी स्कोर का सफलतापूर्वक बचाव किया था लेकिन न्यूजीलैंड इतिहास नहीं दोहरा पाया. ऑस्ट्रेलिया 33.1 ओवर में तीन विकेट पर 186 रन बनाकर अपनी सरजमीं पर चैंपियन बनने वाला दूसरा देश बना.
इससे पहले ऑस्ट्रेलिया ने 1987, 1999, 2003 और 2007 में विश्व कप जीता था. क्लार्क ने इस तरह से एक चैंपियन के रुप में एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा. उन्होंने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वह फाइनल के बाद क्रिकेट के इस प्रारुप से संन्यास ले लेंगे. ऑस्ट्रेलिया को चमचमाती ट्राफी के अलावा 39 लाख 75 हजार डालर का चेक मिला जबकि न्यूजीलैंड को 17 लाख 50 हजार डालर से ही संतोष करना पडा.

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