मेरे कैरियर का अंतिम दिन परीकथा के समान था : माइकल क्लार्क
मेलबर्न : विश्व कप फाइनल में अपनी टीम को जीत दिलाने के बाद ऑस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल ने कहा कि वन डे क्रिकेट में उनका अंतिम दिन किसी परीकथा के समान था.क्लार्क के 72 गेंद में 74 रन की मदद से आस्ट्रेलिया ने न्यूजीलैंड को सात विकेट से हराकर पांचवां विश्व कप जीता.यह पूछने पर कि […]
मेलबर्न : विश्व कप फाइनल में अपनी टीम को जीत दिलाने के बाद ऑस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल ने कहा कि वन डे क्रिकेट में उनका अंतिम दिन किसी परीकथा के समान था.क्लार्क के 72 गेंद में 74 रन की मदद से आस्ट्रेलिया ने न्यूजीलैंड को सात विकेट से हराकर पांचवां विश्व कप जीता.यह पूछने पर कि खिताब जीतकर वनडे क्रिकेट को अलविदा कहने पर कैसा लग रहा है, क्लार्क ने कहा , मैंने कल कहा था कि मुझे लगता है कि यह संन्यास लेने का सही समय है. खेल में परीकथा जैसा कुछ नहीं होता है लेकिन यह किसी परीकथा से कम भी नहीं था.
उन्होंने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा , सिर्फ विश्व कप जीतना नहीं बल्कि अपने घरेलू दर्शकों के सामने जीतना. खिलाड़ियों ने हर पल का पूरा मजा लिया. उन्होंने कहा , सेमीफाइनल के बाद हम फाइनल के लिए मानसिक रूप से तैयार थे और हमने आज दिखा भी दिया. पूरी टीम को इसका श्रेय जाता है. हर खिलाड़ी का इस कामयाबी में बड़ा योगदान रहा और हमने काफी मेहनत की थी.
उन्होंने कहा , हमने आज भी न्यूजीलैंड को आउट करने के बाद हमारे कुछ खिलाड़ी नेट पर गये ताकि खुद को पूरी तरह तैयार कर सके जबकि लक्ष्य 184 रन का था. फिलीप ह्यूज की मौत और उसके बाद की घटनाओं ने क्लार्क को जज्बाती तौर पर काफी प्रभावित किया और उन्होंने फिर कहा कि उस हादसे के बाद वापसी मुश्किल थी.