वनडे से आसान है टी20 क्रिकेट : ईशांत

नयी दिल्ली : आईपीएल में अच्छा खेलने को बेताब सनराइजर्स हैदराबाद के तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा का मानना है कि टी20 क्रिकेट तेज गेंदबाजों के लिये वनडे से आसान है क्योंकि इसमें चार फील्डर वाले नियम जैसी समस्या नहीं है. घुटने की समस्या के कारण विश्व कप से बाहर रहे ईशांत आईपीएल के आठवें सत्र […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 5, 2015 3:29 PM

नयी दिल्ली : आईपीएल में अच्छा खेलने को बेताब सनराइजर्स हैदराबाद के तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा का मानना है कि टी20 क्रिकेट तेज गेंदबाजों के लिये वनडे से आसान है क्योंकि इसमें चार फील्डर वाले नियम जैसी समस्या नहीं है. घुटने की समस्या के कारण विश्व कप से बाहर रहे ईशांत आईपीएल के आठवें सत्र में अपनी उपयोगिता साबित करने को बेताब हैं. उनका मानना है कि छोटे प्रारुप से उन्हें मैच फिटनेस हासिल करने में मदद मिलेगी.

उन्होंने कहा , मैं फिट हूं और अच्छे प्रदर्शन को बेताब भी हूं. वनडे की तुलना में टी20 तेज गेंदबाज के लिये आसान है. टी20 क्रिकेट में सर्कल के बाहर एक अतिरिक्त फील्डर रहता है जबकि वनडे में चार फील्डर का नियम है. टी20 में कम से कम अतिरिक्त फील्डर से हम रन तो रोक सकते हैं.

ईशांत ने कहा , मेरा मानना है कि गेंदबाज वनडे क्रिकेट में अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं. मिशेल स्टार्क को विश्व कप में प्लेयर आफ द टूर्नामेंट पुरस्कार मिला. चार फील्डरों के नियम के बारे में उन्होंने कहा , चार फील्डर का नियम एक समस्या है , आप किसी भी गेंदबाज से पूछ लीजिये. कई चीजें आपके नियंत्रण से बाहर रहती है लिहाजा नियमों का पालन करना पड़ता है और उनका सम्मान भी. उन्होंने कहा , चुनौतियों का मजबूती से सामना करना महत्वपूर्ण है. फील्ड के मुताबिक गेंदबाजी करना जरुरी है.
ईशांत ने 2007 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण के बाद से लगातार चोटों का सामना किया है लेकिन उन्होंने कहा कि वह फिटनेस पर काफी मेहनत कर रहे हैं. उन्होंने कहा , चोटों से बचा नहीं जा सकता और यह हमारे नियंत्रण में नहीं है. मैं अपनी फिटनेस बेहतर करने के लिये काफी मेहनत कर रहा हूं. जब चीजें आपके हाथ में नहीं रहती तो निराशा होती है. मैं इसे भुलाकर आगे बढना चाहता हूं. इसके बारे में ज्यादा सोचने से अनावश्यक दबाव बनता है.
उन्होंने कहा , क्रिकेट और खेल कठिन है. यदि आप एक मैच में अच्छा खेलते हैं तो आपका कैरियर ग्राफ उपर की ओर जाता है लेकिन एक मैच में खराब खेलने से वह नीचे गिर जाता है. यह आसान नहीं है. क्रिकेट में आप लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकते. नाकामी भी कैरियर का हिस्सा है और जब आप बडे खिलाडियों से इस पर बात करते हैं तो काफी मदद मिलती है.
पिछले तीन साल से सनराइजर्स हैदराबाद का हिस्सा रहे ईशांत ने दक्षिण अफ्रीका के डेल स्टेन के साथ ड्रेसिंग रुम बांटने पर भी बात की. उन्होंने कहा , मैंने स्टेन से बहुत कुछ सीखा है. हम पांच साल से साथ खेल रहे हैं और उनसे बहुत सीखने को मिला है. मैने देखा है कि वह कैसे तैयारी करते हैं और मैच से पहले और मैच में मानसिक और शारीरिक रुप से कैसे निपटते हैं.

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