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मैं अभिमानी नहीं, ना ही बदले की भावना से काम करता हूं : वकार युनूस

कराची : पाकिस्तान क्रिकेट टीम के मुख्य कोच वकार यूनिस ने उन्हें ‘अभिमानी’ और ‘बदले की भावना रखने वाला’ बताने वाले पूर्व क्रिकेटरों और आलोचकों को आडे हाथों लेते हुए कहा कि वह पूरी तरह से देशभक्त पाकिस्तानी हैं.वकार से जियो सुपर स्पोर्ट्स चैनल को दिये साक्षात्कार में पूछा गया कि क्या खिलाडियों के साथ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 14, 2015 11:52 AM

कराची : पाकिस्तान क्रिकेट टीम के मुख्य कोच वकार यूनिस ने उन्हें ‘अभिमानी’ और ‘बदले की भावना रखने वाला’ बताने वाले पूर्व क्रिकेटरों और आलोचकों को आडे हाथों लेते हुए कहा कि वह पूरी तरह से देशभक्त पाकिस्तानी हैं.वकार से जियो सुपर स्पोर्ट्स चैनल को दिये साक्षात्कार में पूछा गया कि क्या खिलाडियों के साथ उनका रवैया अभिमानपूर्ण है और क्या वह अपने साथ खेल चुके खिलाडियों के बाहर करके बदला चुकता कर रहे हैं.

उन्होंने कहा,’ देखिये मैंने जब क्रिकेट खेलना छोडा उसी समय मेरे पांव जमीन पर पडने लग गये थे और आस्ट्रेलिया में बसने से यह बडी तेजी से हुआ. मैं जानता हूं कि मैं अब खिलाडी वकार नहीं हूं और खिलाडियों के साथ मेरा रवैया अभिमानपूर्ण नहीं है. सचाई यह है कि उनके साथ मेरा रवैया बेहद दोस्ताना है.’

इस पूर्व कप्तान ने कहा,’ लेकिन हां मैं अभ्यास और क्रिकेट को लेकर कोई समझौता नहीं करता क्योंकि यदि आपने इसमें समझौता करना शुरु कर दिया तो फिर पाकिस्तान क्रिकेट कभी आगे नहीं बढ पाएगा.’ वकार ने कहा कि मुख्य कोच होने के नाते वह एक अच्छा मैनेजर और टीम में खिलाडियों के साथ दोस्ताना व्यवहार बनाये रखने में विश्वास करते हैं.

उन्होंने कहा, ‘यह गलत है कि मैं किसी को निशाने पर रखता हूं या मैं यह नहीं भूल पाया हूं कि मैं कभी सुपरस्टार था.’ वकार ने इसके साथ ही साफ किया कि सीनियर खिलाडियों के प्रति उनके मन में कोई द्वेष नहीं है. उन्होंने कहा, ‘यहां मेरा मानना है कि कोच के रुप में आपके साथ ऐसे खिलाडी नहीं होने चाहिए जो आपके साथ खेले थे लेकिन मैंने कभी जानबूझकर किसी का करियर समाप्त नहीं किया.’

वकार ने कहा,’ मैं स्वस्थ और कडी आलोचना सहन कर सकता हूं लेकिन सचाई यह है कि सीनियर खिलाडियों को बाहर करने का मुझ पर लगाया गया आरोप सही नहीं है. अब्दुल रज्जाक, मोहम्मद यूसुफ या शोएब अख्तर जैसे खिलाडियों को जब बाहर किया गया तब उनका करियर अवसान पर था.’

वकार से पूछा गया कि क्या शोएब अख्तर को 2011 में भारत के खिलाफ विश्व कप सेमीफाइनल में बाहर करना अनुचित था, उन्होंने कहा कि वहाब रियाज और उमर गुल तब रज्जाक के साथ अच्छी गेंदबाजी कर रहे थे और दो स्पिनर भी अच्छा खेल रहे थे. उन्होंने कहा, ‘इसलिए हमें शोएब को बाहर करना पडा और सचाई यह है कि तब वह यहां तक कि तीन ओवर पूरे करने के लिये जूझ रहा था और वहाब ने पांच विकेट लेकर अपने चयन को सही ठहराया था.’

वकार ने कहा कि यदि अख्तर ने अपने शरीर की परवाह की होती तो वह और अधिक विकेट ले सकता था. उन्होंने कहा, ‘तेज गेंदबाज होने के नाते आपको अपने शरीर का ध्यान रखना होता है और दुर्भाग्य से शोएब ने ऐसा नहीं किया.’ उन्होंने कहा कि पूर्व खिलाडियों की कडी टिप्पणियों से पाकिस्तान क्रिकेट को नुकसान हो रहा है. इसके साथ ही वकार ने साफ किया कि वह टीम में अधिक युवा और नये खिलाडियों को चाहते हैं.

वकार ने कहा, ‘मेरा मानना है कि आपको सीनियर के साथ तीन या चार युवा और नये खिलाडियों की जरुरत पडती है ताकि उन्हें भविष्य में सीनियर का स्थान लेने के लिये तैयार किया जा सके.’ उन्होंने कहा कि भारत ने यह रणनीति अपनायी और यही वजह है कि उनकी बल्लेबाजी अब भी मजबूत है. वकार ने विश्व कप के बाद उनकी गोपनीय रिपोर्ट लीक होने पर भी निराशा व्यक्त की.

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