अभी आईसीसी चेयरमैन बने रहेंगे श्रीनिवासन

नयी दिल्ली : बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर ने आज कहा कि पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन सितंबर में होने वाली बोर्ड की सालाना आम बैठक तक आईसीसी के चेयरमैन बने रहेंगे. नियमों के अनुसार आईसीसी अध्यक्ष का पद जुलाई 2014 से जून 2016 तक बीसीसीआई प्रतिनिधि के पास रहेगा. ठाकुर ने कहा , श्रीनिवासन सितंबर 2015 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 16, 2015 5:08 PM

नयी दिल्ली : बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर ने आज कहा कि पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन सितंबर में होने वाली बोर्ड की सालाना आम बैठक तक आईसीसी के चेयरमैन बने रहेंगे. नियमों के अनुसार आईसीसी अध्यक्ष का पद जुलाई 2014 से जून 2016 तक बीसीसीआई प्रतिनिधि के पास रहेगा.

ठाकुर ने कहा , श्रीनिवासन सितंबर 2015 तक बीसीसीआई प्रतिनिधि के रुप में आईसीसी के चेयरमैन रहेंगे. सितंबर में बोर्ड की सालाना आम बैठक होनी है जिसमें आगे की रणनीति तय की जायेगी. श्रीनिवासन 2014 में आईसीसी चेयरमैन पद के लिये सर्वसम्मति से बीसीसीआई की पसंद थे लेकिन सत्ता बदलने के बाद उनके अधिकार घट गए हैं. अब बोर्ड तय करेगा कि वह अपना कार्यकाल पूरा करेंगे या नहीं और इस समय उसकी संभावना कम ही लग रही है.

भारतीय टीम के नये कोच की नियुक्ति के बारे में पूछने पर ठाकुर ने कहा , बातचीत चल रही है. भारत को अगली अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला जून में खेलनी है और हमारे पास उसके लिये समय है. हम नये कोच की नियुक्ति करेंगे. मैं और अध्यक्ष जगमोहन डालमिया कई लोगों से बात कर रहे हैं. भारतीय क्रिकेट के हितों को ध्यान में रखकर लंबी बातचीत के बाद यह फैसला लिया जायेगा. ठाकुर ने कहा कि बीसीसीआई फैसला लेने से पहले सभी संबंधित पक्षों से बात करेगा.

ठाकुर ने कहा , मैं और डालमिया बोर्ड के सीनियर सदस्यों और खिलाडियों से बात करेंगे. हम कप्तान की राय भी लेंगे. यह तय है कि सर्वश्रेष्ठ उपलब्ध व्यक्ति को इस पद पर नियुक्त किया जायेगा. भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली के कोच बनने की संभावना के बारे में उन्होंने कहा , इस समय मैं कोई नाम नहीं ले सकता.

अपने कार्यकाल के पहले डेढ महीने को अच्छा बताते हुए ठाकुर ने कहा कि उनका सबसे बड़ा लक्ष्य महिला क्रिकेट का विकास और महिला टीम के लिये अधिक दौरों का आयोजन है. उन्होंने कहा , हम 2017 में महिला विश्व कप खेलेंगे लिहाजा तैयारी के लिये अगले दो साल है. हमारा लक्ष्य महिला टीम के लिये अधिक से अधिक विदेश दौरों का आयोजन करना है.

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