बीसीसीआई बैठक में श्रीनिवासन पर होंगी निगाहें
कोलकाता : उच्चतम न्यायालय ने भले ही एन श्रीनिवासन को राहत देने से इन्कार कर दिया लेकिन बीसीसीआई कार्यकारिणी की कल यहां होने वाली बैठक में वह बोर्ड अध्यक्ष पद पर लौटने की एक और कोशिश कर सकते हैं. सितंबर में होने वाली वार्षिक आम बैठक (एजीएम) से पहले बोर्ड की कार्यकारिणी की यह आखिरी […]
कोलकाता : उच्चतम न्यायालय ने भले ही एन श्रीनिवासन को राहत देने से इन्कार कर दिया लेकिन बीसीसीआई कार्यकारिणी की कल यहां होने वाली बैठक में वह बोर्ड अध्यक्ष पद पर लौटने की एक और कोशिश कर सकते हैं. सितंबर में होने वाली वार्षिक आम बैठक (एजीएम) से पहले बोर्ड की कार्यकारिणी की यह आखिरी बैठक होगी.
श्रीनिवासन को तब करारा झटका लगा जब उच्चतम न्यायालय ने उनकी याचिका पर सुनवाई टाल दी. अपनी याचिका में उन्होंने बंबई उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी जिसमें स्पाट फिक्सिंग की जांच करने वाले बीसीसीआई पैनल को ‘गैरकानूनी और असंवैधानिक’ करार दिया गया था.
सुनवाई अब 11 सितंबर को होगी तथा इस बारे में श्रीनिवासन और बीसीसीआई को नोटिस भेज दिया गया है. तमाम हालातों को देखते हुए यह देखना दिलचस्प होगा कि श्रीनिवासन अलग थलग रहना ही पसंद करेंगे या फिर कल की बैठक की अध्यक्षता करके एजीएम में तीसरे कार्यकाल के लिये कोशिश करेंगे.
बीसीसीआई के अंतरिम प्रमुख जगमोहन डालमिया ने आज कहा, ‘‘मुझे इस बारे में पता नहीं है. कृपया बैठक के बारे में मुझसे कोई बात नहीं करें. ये मुश्किल और संवेदनशील मसले हैं. आपको कल की बैठक के बाद पता चल जाएगा. ’’ डालमिया ने हालांकि कहा कि एजीएम की घोषणा की बैठक में चर्चा का मुख्य विषय होगा.
श्रीनिवासन और बोर्ड के लिये एक और बुरी खबर यह है कि उच्चतम न्यायालय ने बिहार क्रिकेट संघ की स्पाट फिक्सिंग की जांच के लिये नया पैनल गठित करने की मांग संबंधी याचिका स्वीकार कर ली है. इस मामले में बीसीसीआई प्रमुख का दामाद भी फंसा हुआ है.
अभी यह देखना भी है कि क्या एजीएम 30 सितंबर से पहले होती है. बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘यह श्रीनिवासन के लिये बहुत बड़ा झटका है कि उच्चतम न्यायालय ने श्रीनिवासन और अन्य के नाम पर नोटिस जारी किये हैं. ’’ ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि श्रीनिवासन वापसी की अपनी कवायद के तहत कल बैठक में आएंगे क्योंकि बैठक की अध्यक्षता करने या उनकी उपस्थिति तकनीकी आधार पर गैरकानूनी नहीं होगी.सच्चाईयह है कि बोर्ड के कागजों पर हस्ताक्षर करने का अधिकार अध्यक्ष के पास होता है क्योंकि बीसीसीआई संविधान में अंतरिम अध्यक्ष का कोई प्रावधान नहीं है. इससे श्रीनिवासन की बैठक में उपस्थिति अनिवार्य बन जाती है.
श्रीनिवासन दो अगस्त को ही कार्यकारिणी की अध्यक्षता करते लेकिन तकनीकी कारणों से एजीएम स्वत: ही रद्द हो गयी क्योंकि सदस्यों को भेजे गये सर्कुलर में आपात शब्द नहीं था. कल जिन अन्य मसलों पर चर्चा होनी है उनमें बोर्ड की वार्षिक रिपोर्ट और बैलेंश शीट पर चर्चा भी शामिल है. इनको बैठक में पेश किया जाएगा. पिछले वित्तीय वर्ष में हुई 350 करोड़ रुपये की कमाई के वितरण भी चर्चा होगी. राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में विवादास्पद भूमि समझौते पर भी चर्चा होने की संभावना है.