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आज जन्मदिन : जानिए, आखिर क्यों सचिन तेंदुलकर ने कभी नहीं किया शराब का विज्ञापन

आज 24 अप्रैल है और यह दिन खास इसलिए है, क्योंकि आज ही क्रिकेट के भगवान माने जाने वाले सचिन तेंदुलकर का जन्म हुआ था. सचिन तेंदुलकर अब क्रिकेट के मैदान पर अपने बल्ले के साथ तो सक्रिय नहीं हैं, लेकिन क्रिकेट के प्रति उनका जो जुनून है, वह कम नहीं हुआ. यही कारण है […]

आज 24 अप्रैल है और यह दिन खास इसलिए है, क्योंकि आज ही क्रिकेट के भगवान माने जाने वाले सचिन तेंदुलकर का जन्म हुआ था. सचिन तेंदुलकर अब क्रिकेट के मैदान पर अपने बल्ले के साथ तो सक्रिय नहीं हैं, लेकिन क्रिकेट के प्रति उनका जो जुनून है, वह कम नहीं हुआ. यही कारण है कि वे आज भी क्रि केट जगत में बहुत सक्रिय हैं और जो बात गौर करने वाली है, वह यह है कि वे आज भी युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं.

जमीन से जुड़े हैं सचिन तेंदुलकर

सचिन तेंदुलकर एक सहज सरल इंसान है. जब सफलता उनके कदम चूम रही थी, उस वक्त भी सचिन को अभिमान छू नहीं पाया था और वे अपने उसी फ्लैट में रहते थे, जहां उन्होंने बचपन गुजारा था.

संगीतकार सचिन देव बर्मन के नाम पर पड़ा है सचिन नाम

सचिन तेंदुलकर के पिता रमेश तेंदुलकर संगीतकार सचिन देव बर्मन के फैन थे. उन्हीं की नाम पर सचिन के पिता ने उनका नाम सचिन रमेश तेंदुलकर रखा था.

युवाओं के हैं प्रेरणास्रोत

सचिन तेंदुलकर युवाओं के प्रेरणास्रोत रहे हैं. उन्हें देखकर युवा प्रेरणा लेते हैं, इस बात को ध्यान में रखकर ही सचिन ने कभी शराब का विज्ञापन नहीं किया. साथ ही वे किसी ऐसी गतिविधि में हिस्सा नहीं लेते थे, जो कहीं से भी उनका गलत इमेज क्रियेट करें.सचिन तेंदुलकर अपने आचरण से हमेशा मिसाल पेश करते रहे हैं. सफलता के शिखर पर पहुंचकर एक बड़े खिलाड़ी का व्यवहार किस तरह संयमित होना चाहिए , इसकी सीख युवाओं को उनसे लेनी चाहिए. सचिन क्रिकेट से जुड़ी हर छोटी-बड़ी घटना पर प्रतिक्रिया देते हैं, जो क्रिकेट के प्रति उनके जुनून को दर्शाता है.

ब्रेडमैन के बाद दूसरे सबसे महान टेस्ट खिलाड़ी में है नाम

यूं तो सचिन के नाम पर कई रिकॉर्ड हैं, यहां तक कि उनके नाम पर 100 सेंचुरी जड़ने का भी रिकॉर्ड है, लेकिन ब्रेडमैन के बाद दूसरा सबसे महान खिलाड़ी होने का तमगा उन्हें विशेष बनाता है.

भारत रत्न पाने वाले पहले खिलाड़ी

सचिन तेंदुलकर एक ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्हें सरकार ने भारतरत्न देने का फैसला किया और धारा से विपरीत जाकर उन्हें यह पुरस्कार दिया गया, क्योंकि सचिन से पहले खेलजगत से जुड़े किसी व्यक्ति को यह पुरस्कार नहीं मिला था.

जीवनसंगिनी अंजलि का मिला है पूरा साथ

सचिन तेंदुलकर की पत्नी अंजलि तेंदुलकर हम मौके पर उनके साथ हैं. अपने संन्यास से पहले सचिन ने यह कहा था कि आज मैं अगर इस मुकाम पर हूं, तो इसका श्रेय दो महिलाओं को जाता है, एक मेरी मां और दूसरी मेरी पत्नी अंजलि को. उन्होंने कहा था कि अंजलि के साथ के बिना यह सबकुछ संभव नहीं था. अंजलि और सचिन के दो बच्चे हैं सारा और अर्जुन.

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