मुंबई : भारत के पूर्व कप्तान और मैनेजर अजित वाडेकर ने बताया कि एक बार 1994 में न्यूजीलैंड दौरे पर उनके 53वें जन्मदिन के दौरान शरारती सचिन तेंदुलकर आधा दर्जन बैले डांसर्स को ले आये थे. क्रिकेट क्लब आफ इंडिया के एक कार्यक्रम के दौरान कल वाडेकर ने बताया कि कैसे तेंदुलकर ने उस दौरे पर उनके साथ शरारत की थी. उन्होंने तेंदुलकर के 42वें जन्मदिन के मौके पर लीजैंड्स समिट में अपने उद्बोधन में कहा , यह घटना न्यूजीलैंड की है. एक अप्रैल को मेरा जन्मदिन था. हमने एक दिन पहले नेट अभ्यास किया था और मैं जल्दी सोने चला गया क्योंकि अगला दिन अप्रैल फूल था.
मैं नींद में था कि आधी रात को सचिन मेरे कमरे में आया और काफी संजीदा लग रहा था. उन्होंने कहा , मैंने सचिन से पूछा कि वह आधी रात को मेरा दरवाजा क्यों खटखटा रहा है तो उसने कहा कि कपिल देव को कुछ दिक्कत है. मैंने पायजामा पहना और दो फ्लोर नीचे कपिल के कमरे में गया. जब हम कमरे में पहुंचे तो पूरी टीम एक केक और शैंपेन की बोतल के साथ मौजूद थी. मैं हैरान रह गया. उन्होंने कहा , अचानक पास के कमरे से छह बैले डांसर आये और नाचने लगे.
मैं समझ गया कि यह सचिन ने किया होगा क्योंकि उस दौरे पर कमेंटेटर रहे सुनील गावस्कर नजर नहीं आ रहे थे. सनी भी काफी शरारती है लेकिन यह सचिन के दिमाग की उपज थी. वाडेकर ने कहा , मैंने बैले डांस और दो ग्लास शैंपेन का मजा लिया. फिर मैने देखा कि सभी जाने लगे हैं और मेरे साथ एक बैले डांसर रह गयी है. टीम का मैनेजर होने के नाते मुझे आचार संहिता का पालन करना था सो मैं अपने कमरे में चला गया. क्रिकेट को लेकर तेंदुलकर की समझ के बारे में उन्होंने श्रीलंका में एक श्रृंखला के दौरान हुए वाक्ये का हवाला दिया. उन्होंने कहा , हम श्रीलंका में खेल रहे थे और वह काफी सुझाव लेकर आता था. टीम बैठकों के बाद वह मेरे कमरे में आता और हम खाना खाते ताकि उसे इसका पैसा ना चुकाना पड़े.
उन्होंने कहा , सचिन ने सुझाव दिया था कि हमें सिर्फ मिडिल और लेग स्टम्प पर गेंद डालनी चाहिये. मैने उससे कहा कि मुझे करके दिखाओ तो उसने सारी छह गेंद मिडिल और लेग स्टम्प पर डाली. अगले दिन भी उसने ऐसा ही किया. वह सचिन तेंदुलकर है. दूसरों से बिल्कुल अलग, वाडेकर ने यह भी बताया कि कैसे तेंदुलकर वनडे क्रिकेट में सलामी बल्लेबाज बने. उन्होंने कहा ,मैच के दिन वार्मअप के बाद नवजोत सिंह सिद्धू मेरे पास आया और कहा कि उसके टखने में मोच आ गयी है सो वह खेल नहीं खेल पाएगा. मुझे समझ नहीं आया कि किसे पारी की शुरुआत करने भेजूं. मैने अजहर और कपिल की ओर देखा. सचिन ने कहा कि क्या मैं पारी की शुरुआत करुं. अजहर और कपिल ने भी हामी भरी और इसके साथ वह सलामी बल्लेबाज बन गया.