लाहौर : तमाम विवादों के बावजूद जिंबाब्वे की क्रिकेट टीम आज कड़ी सुरक्षा के बीच पाकिस्तान पहुंच गयी. पाकिस्तान दौरे पर छह बाद कोई विदेशी टीम पहुंची है. इसके पहले श्रीलंका की टीम जब पाकिस्तान दौरे पर थी, तो श्रीलंका की टीम बस पर आतंकवादी हमला हुआ था, जिसके बाद वहां खेलने से विदेशी टीमों ने इनकार कर दिया था. जिंबाब्वे टीम की दो बसों को सशस्त्र सुरक्षाकर्मियों के साथ भारी संख्या में सुरक्षा वाहनों ने घेर रखा था. जिंबाब्वे को पाकिस्तान में दो टी20 मैच और तीन वनडे खेलने हैं.
प्रांतीय गृहमंत्री शुजा खानजादा ने अलामा इकबाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कहा , पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी हुई है और हमें इस श्रृंखला को कामयाब बनाना है. जिंबाब्वे के अंपायर रसेल टिफिन भी टीम के साथ आये हैं चूंकि आईसीसी ने सुरक्षा कारणों से अपने मैच अधिकारी भेजने से इनकार कर दिया था.
पाकिस्तान ने जिंबाब्वे को वीआईपी सुरक्षा देने का वादा किया है. टीम की सुरक्षा के लिए 4000 पुलिस और सुरक्षा अधिकारियों को तैनात किया गया है. पहला टी20 मैच शुक्रवार को खेला जायेगा. खानजादा ने कहा , हमने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को पूरा सहयोग दिया है और एक टीम केरूप में काम करेंगे ताकि इस श्रृंखला के बाद और भी टीमें पाकिस्तान आये. पिछले तीन साल से पीसीबी टेस्ट टीमों को पाकिस्तान का दौरा करने के लिए मनाने की कोशिश में जुटा है. बांग्लादेश भी सुरक्षा कारणों से दो बार दौरा रद्द कर चुका है.
पीसीबी के मुख्य संचालन अधिकारी सुभान अहमद ने कहा , हम पर जिंबाब्वे का भरोसा है जिससे हमारे उनके साथ क्रिकेट संबंध और मजबूत होंगे. उम्मीद है कि इस श्रृंखला से पाकिस्तान के प्रति लोगों का नजरिया बदलेगा और विदेशी टीमें यहां आयेंगी. इससे पहले पीसीबी ने एक बयान में कहा था कि गद्दाफी स्टेडियम पर होने वाले पहले टी20 मैच के 75 प्रतिशत टिकट बिक चुके हैं.