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बीसीसीआई के बदले चेहरे का प्रभाव क्या बांग्लादेश दौरे के टीम चयन पर भी पड़ेगा?

इंडियन प्रीमियर लीग का फाइनल 24 मई को खेला जायेगा. इस लीग की समाप्ति के बाद भारतीय क्रिकेट टीम बांग्लादेश दौरे पर जा रही है,जहां वह एक टेस्ट मैच और तीन एकदिवसीय मैच खेलेंगे. इस दौरे के लिए टीम का ऐलान आज किया जाना है. हालांकि अभी तक जैसी सूचना मिली है कि बांग्लादेश दौरे […]

इंडियन प्रीमियर लीग का फाइनल 24 मई को खेला जायेगा. इस लीग की समाप्ति के बाद भारतीय क्रिकेट टीम बांग्लादेश दौरे पर जा रही है,जहां वह एक टेस्ट मैच और तीन एकदिवसीय मैच खेलेंगे. इस दौरे के लिए टीम का ऐलान आज किया जाना है. हालांकि अभी तक जैसी सूचना मिली है कि बांग्लादेश दौरे पर भी कमोबेश वही टीम जायेगी, जो ऑस्ट्रेलिया गयी थी, बावजूद इसके एक सवाल लाजिमी है कि क्या अब टीम में उन चार महारथियों की वापसी संभव है, जिनका चयन विश्वकप के दौरान नहीं हुआ था और इस फैसले की कड़ी आलोचना हुई थी. इन चारों खिलाड़ियों युवराज सिंह, वीरेंद्र सहवाग, हरभजन सिंह और जहीर खान की टीम में वापसी की चर्चा एक बार फिर शुरू हुई है, तो इसके कुछ कारण हैं, मसलन, इनका इंडियन प्रीमियर लीग में प्रदर्शन, बीसीसीआई से एन श्रीनिवासन युग की समाप्ति इत्यादि.

इंडियन प्रीमियर लीग में प्रदर्शन
अगर बात आईपीएल में प्रदर्शन की है, तो यह कहने में कोई गुरेज नहीं होना चाहिए कि इन चारों खिलाड़ियों में से मात्र हरभजन सिंह ही ऐसे हैं, जिनके प्रदर्शन ने लोगों का ध्यान खींचा और यह सोचने पर विवश भी किया कि उन्हें भारतीय टीम में जगह मिलनी चाहिए. आज अगर मुंबई इंडियंस की टीम आईपीएल के फाइनल में है, तो इसमें हरभजन सिंह का योगदान है, लेकिन बाकी तीनों खिलाड़ी, युवराज सिंह, वीरेंद्र सहवाग और जहीर खान प्रभावित नहीं कर सके. हरभजन सिंह ने टीम इंडिया के तरफ से खेलने की इच्छा भी जाहिर की है. इनका बल्ला कतई इस तरह का नहीं चला है कि इन्हें टीम में जगह मिले. इंडियन प्रीमियर लीग सीजन -8 के सबसे महंगे खिलाड़ी युवराज सिंह कोई करिश्मा नहीं कर सके, वहीं वीरेंद्र सहवाग भी फ्लॉप ही रहे. जहीर खान फिटनेस की समस्या से जूझते रहे और सभी मैचों में खेल भी नहीं सके.
बीसीसीआई से एन श्रीनिवासन युग का अंत
अब बीसीसीआई में एन श्रीनिवासन का राज नहीं है. अध्यक्ष डालमिया और सचिव अनुराग ठाकुर उनके प्रभाव में नहीं हैं. खासकर अनुराग ठाकुर से एन श्रीनिवासन की नहीं बनती है. अनुराग ठाकुर बीसीसीआई सचिव बनें, यह एन श्रीनिवासन नहीं चाहते थे. चुनाव के दौरान भी अनुराग ठाकुर मात्र एक वोट से ही जीत पाये थे. बाद में अनुराग ठाकुर और एक संदिग्ध सट्टेबाज की तसवीर को लेकर जिस तरह का विवाद एन श्रीनिवासन और अनुराग ठाकुर के बीच हुआ, उसके बाद तो बीसीसीआई इस कोशिश में हैकि उनका आईसीसी से भी पत्ता कट जाये. ऐसे में कोई दो राय नहीं है कि उन खिलाड़ियों के चयन पर चर्चा हो सकती है, जो एन श्रीनिवासन युग में उपेक्षित रहे. ऐसे में अगर इन चार महारथियों के अलावा कोई चौंकाने वाला नाम भी टीम में सामने आये, तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए.
कई युवा खिलाड़ी भी हैं उपलब्ध
वैसे तो टीम इंडिया के अधिकांश सदस्य युवा हैं, लेकिन उनके अलावा इंडियन प्रीमियर लीग के दौरान भी कई ऐसे खिलाड़ी दिखे, जिनपर टीम दावं खेल सकती है. महेंद्र सिंह धौनी अब टेस्ट टीम का हिस्सा नहीं होंगे, इसलिए एक अदद विकेटकीपर और ऑल राउंडर की जरूरत भारत को होगी, जिसकी भरपाई चयनकर्ता युवा खिलाड़ियों से कर सकते हैं. हार्दिक पांड्या, संजू सैमसंग जैसे खिलाड़ी इस लिस्ट में शामिल हैं.

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