मुंबई : पूर्व कप्तान राहुल द्रविड ने इन अटकलों को खारिज किया है कि डंकन फ्लेचर की रवानगी के बाद उनकी दिलचस्पी भारतीय क्रिकेट टीम का कोच बनने में थी. द्रविड ने कहा,’ नहीं, बिल्कुल नहीं. मैं सिर्फ भारत ए और अंडर 19 टीम का कोच रहूंगा. मैं राष्ट्रीय टीम का कोच बनने के बारे में नहीं सोच रहा.’
द्रविड इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट आफ स्पोर्ट्स मैनेजमेंट के दीक्षांत समारोह में अतिथि थे जिसमें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस भी मौजूद थे. द्रविड ने कहा कि बांग्लादेश दौरे पर गए टीम निदेशक रवि शास्त्री और अन्य सहयोगी स्टाफ अपने काम को बखूबी अंजाम दे रहे हैं.
उन्होंने कहा,’ रवि और उसकी टीम भारत के लिये बेहतरीन काम कर रही है. मेरी भारतीय टीम का कोच बनने की कोई ख्वाहिश नहीं है.’ उन्होंने कहा,’ भारत ए या अंडर 19 टीम का हिस्सा होना किसी भी खिलाडी के लिए महत्वपूर्ण चरण है. मैं खुश हूं कि मुझे यह काम सौंपा गया. अभी 2 3 श्रृंखलाएं खेलनी है और मैं खिलाडियों से अपने अनुभव बांटूंगा.’
द्रविड ने कहा कि आईपीएल टीम राजस्थान रायल्स के मेंटर रहने के अनुभव का उन्हें फायदा मिलेगा. द्रविड ने कहा,’ इतने साल खेलने के बाद दो साल से मेंटर की भूमिका निभाते हुए मैं प्रबंधन और कोचिंग के नजरिये से चीजों को देखने में सक्षम हुआ हूं. अनुभव के साथ निखार आता है और मुझे इसका इंतजार है.’
उन्होंने कहा कि भारत ए टीम के लिये खिलाडी चुनने का कोई तय मानदंड नहीं हो सकता और चयनकर्ताओं के जेहन में अलग अलग समय पर अलग लक्ष्य होते हैं. उन्होंने कहा,’ यह चयनकर्ताओं और टीम प्रबंधन को तय करना है. कई बार वे युवा खिलाडियों को चुनेंगे, कई बार टीम में वापसी की कोशिश में जुटे खिलाडियों को चुनेंगे और कई बार भारत के भावी दौरों को ध्यान में रखकर चयन होगा. हर बार मानदंड अलग होगा.’
द्रविड ने कहा,’ चयनकर्ताओं ने काफी घरेलू क्रिकेट देखी है. मेरा काम चुने हुए खिलाडियों को कोचिंग देना है. मैं चयनकर्ता नहीं हूं. मैं उनके खेल में निखार की कोशिश करूंगा.’