भारतीय क्रिकेट टीम के बांग्लादेश दौरे के शुरू होने के पहले से ही टीवी पर एक विज्ञापन दिखाया जाता था, जिसमें यह कहा जाता था कि बच्चे अब बच्चे नहीं रहे. विज्ञापन के इस स्लोगन को कल बांग्लादेश की टीम ने सच साबित कर दिया. जिस प्रकार पहले बल्लेबाजी करते हुए बांग्लादेश की टीम ने शानदार तरीके से बैटिंग करते हुए 307 रन का स्कोर खड़ा किया वह काबिलेतारीफ थी. लेकिन निर्धारित लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय बल्लेबाजी जिस तरीके से धराशायी हुई, उसके लिए उन्हें किसी भी तरह से माफ नहीं किया जा सकता है. भारतीय उपमहाद्वीप के पिच पर 308 रन बनाना भारत के लिए कोई बड़ी चुनौती नहीं थी, लेकिन भारतीय टीम इस चुनौती के आगे ढेर हो गयी .
कल बांग्लादेश के खिलाफ पहले मैच में भारतीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी टॉस हार गये, जबकि वे सर्वाधिक टॉस जीतने वाले कप्तानों में से एक हैं. टॉस हारते ही मैच पर से भारत की पकड़ ढीली हो गयी, क्योंकि बांग्लादेश ने पिच को देखते हुए पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय किया.
हालांकि 85 रन तक भारत के एक भी विकेट नहीं गिरा था, लेकिन शिखर धवन दो बार कैच उठा चुके थे,हालांकि बांग्लादेशी फिल्डर ने कैच ड्रॉप कर दिया था. जैसे-तैसे खेलते हुए शिखर धवन 30 रन पर आउट हुए. विराट कोहली भी कुछ नहीं कर पाये और निराशाजनक शॉट खेलकर आउट हुए. विश्व के दिग्गज बल्लेबाजों से भरी भारतीय टीम 228 रन पर ढेर हो गयी.
कल के मैच में महेंद्र सिंह धौनी की रणनीति बेकार साबित हुई. परिस्थितियों के अनुसार रणनीति बनानेमें माहिर महेंद्र सिंह धौनी के ऊपर कल परिस्थितियां हावी हो गयीं, क्योंकि उनके खिलाड़ियों ने किसी भी क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया और ऐसे में टीम की हार निश्चित थी.