मीरपुर : भारत को पहले वनडे में हराने वाले बांग्लादेशी क्रिकेट कप्तान मशरेफ बिन मुर्तजा ने कहा कि मुस्ताफिजुर रहमान को टीम में शामिल करने का फैसला साहसिक था और उन्हें खुशी है कि वह भरोसे पर खरा उतरा.मुर्तजा ने कहा , जब से मैं कप्तान बना हूं, हम तीन तेज गेंदबाजों को लेकर उतर रहे हैं क्योंकि मेरा मानना है कि गेंदबाज मैच जीतकर देते हैं. सनी अराफात अच्छी गेंदबाजी कर रहा है लिहाजा उसे बाहर रखना कठिन था.
हमें लगा कि मुस्ताफिज को उतारना अहम होगा. नेट्स पर उसकी गेंदबाजी और उसे वैरिएशंस इस्तेमाल करते देखकर उसकी उपेक्षा करना कठिन था. उन्होंने कहा , हमें लगा कि उसे खेलना भारतीयों के लिए नया होगा. उन्हें लगा होगा कि मैं गेंदबाजी की शुरुआत करुंगा लेकिन उन्हें अपनी रणनीति बदलनी होगी.
मुर्तजा ने कहा , उसे अंतिम एकादश से बाहर रखने से टीम को नुकसान होता. उसकी कुछ गेंदें तो खेली ही नहीं जा सकती और भारतीयों को भी काफी मुश्किलें पेश आयी. उन्होंने कहा कि वह टीम के समग्र प्रदर्शन से खुश हैं. उन्होंने कहा , मैं टीम के प्रदर्शन से खुश हूं. इससे ज्यादा क्या चाहिए. तामिम और सौम्य ने उम्दा शुरुआत दी और बाद में शाकिब तथा शब्बीर रहमान ने संभाला. तेज गेंदबाजों ने भी अपने काम को बखूबी अंजाम दिया.
मुर्तजा ने कहा कि उनके गेंदबाज अंत तक संघर्ष को तैयार थे. उन्होंने कहा , भारत ने बहुत अच्छी शुरुआत की लेकिन इस विकेट पर पहले 10 ओवर में 65 . 70 रन बनना कोई बड़ी बात नहीं. हमने भी 79 रन बनाये थे. उन्होंने कहा , हमारे गेंदबाज इस शुरुआत से घबराये नहीं थे. हर कोई आखिरी गेंद तक जूझने के लिए तैयार था. साझेदारियां बनती है लेकिन मैच में पूरी टीम ने पूरा प्रयास किया. बांग्लादेश ने इस जीत के साथ ही विश्व कप क्वार्टर फाइनल में भारत से मिली हार का बदला चुकता कर लिया. मुर्तजा ने हालांकि कहा ,मुझे नहीं लगता कि खेलों में बदले जैसा कोई शब्द है.
हम सभी परिवार वाले इंसान हैं और क्रिकेट खेलते हैं. यहां बदले जैसी कोई भावना नहीं है. मैच के दौरान कई चीजें होती है लेकिन हम मैच के बाद साथ में एक ही होटल में जाते हैं और मजा करते हैं.