बांग्लादेश के हाथों पहली बार वनडे सीरीज गंवाने के बाद आलोचकों के सवालों से नाराज भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी कहते हैं कि अगर उनके कप्तानी छोडऩे से टीम का भला होता है तो वे इसके लिए पूरी तरह से तैयार हैं.
अगले महीने 34 वर्ष के होने जा रहे धोनी ने निराशा व्यक्त किया,कहा, ‘भारतीय क्रिकेट में जब भी कुछ बुरा होता है तो मुझे ही कसूरवार ठहराया जाता है.’जबकी उनका मानना है कि आखिरकार टीम की जीत ही मायने रखती है, फिर कप्तान चाहे कोई भी हो.कप्तानी की जिम्मेदारी उन्हें सौपीं गई थी, जिसे उन्होने निभाया. उनके लिए सबसे महत्त्वपूर्ण देश के लिए खेलते हुए अपना योगदान देना और ड्रेसिंग रूम के माहौल को खुशनुमा बनाए रखना है, जिससे नए खिलाड़ी अपना स्वाभाविक प्रदर्शन कर पाये और यही उनके लिए अंतिम उपलब्धि रहती है. वे कहते हैं, ‘इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन कप्तान है क्योंकि मैं कभी कप्तान के आड़े नहीं आया। यह मेरे लिए काम या जिम्मेदारी है। अगर वे इसे मुझसे लेना चाहते हैं तो मुझे कोई परेशानी नहीं है.’ पूर्व कप्तान सौरव गांगुली का मानना है की धोनी की झल्लाहट बस निराशा का कारन है. बांग्लादेश से मिली हार का कारण टीम का एकजुट नहीं होना है.वह अभी भारतीय क्रिकेट में काफी योगदान दे सकते हैं.
कुछ भारतीय पूर्व क्रिकेटरों ने धोनी का समर्थन करते हुए कहा है कि उनको कप्तान बनाए रखा जाना चाहिए.वाडेकर धोनी को वनडे और टी20 में भारत की अगुवाई करने के लिए सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति मानते हैं. वे कहते है ‘उन्हें कप्तान बनाए रखा जाना चाहिए. हार हतप्रभ करने वाली है.शायद उन्होंने बांग्लादेश को गंभीरता से नहीं लिया. उन्हें संभवत: वनडे सीरीज की तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला होगा.’
पूर्व विकेटकीपर किरमानी ने भी वनडे टीम की कमान धोनी के पास ही बनाए रखने का समर्थन किया.बांग्लादेशी खिलाड़ियों ने अपने जज्बे और लाजवाब हावभाव से सबको हैरान कर दिया.पूर्व सलामी बल्लेबाज ने चेतन चौहान ने कहा कि अभी कप्तानी में बदलाव की जरूरत नहीं है.उन्होंने कहा,’मैं किसी एक सीरीज के आधार पर जल्दबाजी में फैसला करने के पक्ष में नहीं हूं. मैं चाहता कि इस सत्र में विराट केवल टेस्ट मैचों में कप्तानी करे.मेरे हिसाब से धौनी को अगले साल भारत में होने वाली विश्व टी20 तक वनडे और टी20 का कप्तान बने रहना चाहिए.’ पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज किरण मोरे कप्तानी में बदलाव की बात को बेतुकी मानते हैं.
धोनी को भारत का सफलतम कप्तान माना जाता है और सीमित प्रारूप में उन्होंने ट्वंटी 20 विश्वकप और 2011 वनडे विश्वकप के अलावा इंग्लैंड में आईसीसी चैंपियंस ट्राफी खिताब दिलाकर टीम इंडिया को शीर्ष तक पहुंचाने में अहम योगदान दिया है.