Loading election data...

अजिंक्य रहाणे को कप्तानी का नहीं है अनुभव, अबतक मात्र दो मैचों में रहे हैं कप्तान

नयी दिल्ली : जिंबाब्‍वे दौरे के लिये भारतीय टीम के कप्तान चुने गये अजिंक्य रहाणे ने भले ही मुंबई की अंडर-17 और अंडर-19 टीमों की अगुवाई की है लेकिन सीनियर स्तर पर उन्हें केवल दो मैचों में कप्तानी करने का अनुभव है. बीसीसीआई ने सीमित ओवरों के नियमित कप्तान महेंद्र सिंह धौनी और टेस्ट कप्तान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 30, 2015 5:03 PM

नयी दिल्ली : जिंबाब्‍वे दौरे के लिये भारतीय टीम के कप्तान चुने गये अजिंक्य रहाणे ने भले ही मुंबई की अंडर-17 और अंडर-19 टीमों की अगुवाई की है लेकिन सीनियर स्तर पर उन्हें केवल दो मैचों में कप्तानी करने का अनुभव है.

बीसीसीआई ने सीमित ओवरों के नियमित कप्तान महेंद्र सिंह धौनी और टेस्ट कप्तान विराट कोहली सहित कई सीनियर खिलाडियों को जिंबाब्‍वे में होने वाले तीन वनडे और दो टी20 मैचों की श्रृंखला के लिये विश्राम दिया है जिसके कारण रहाणे को पहली बार राष्ट्रीय टीम का नेतृत्व करने का मौका मिलेगा.

भारत की तरफ से 15 टेस्ट, 55 वनडे और 11 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके रहाणे के लिये कप्तानी एक तरह से नया अनुभव होगा क्योंकि उन्होंने सीनियर स्तर पर अपने आठ साल के करियर में कुल मिलाकर 300 से अधिक मैच खेलने के बावजूद केवल दो मैचों में किसी टीम की अगुवाई की है और इन दोनों मैचों में उनकी टीम को हार का सामना करना पडा.
मुंबई के इस 27 वर्षीय बल्लेबाज ने सबसे पहले 13 मार्च 2010 को सैयद मुश्ताक अली ट्राफी टी20 क्रिकेट टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल में हैदराबाद के खिलाफ मुंबई की कमान संभाली थी. इंदौर में खेले गये इस मैच में रहाणे ने केवल तीन रन बनाये और उनकी टीम सात विकेट से हार गयी थी.
इसके बाद रहाणे को 26 फरवरी 2012 को महाराष्ट्र के खिलाफ विजय हजारे ट्रॉफी के 50 ओवर के मैच में मुंबई की अगुवाई करने का मौका मिला था. रहाणे फिर से बल्लेबाजी में नाकाम रहे और केवल 13 रन बनाकर आउट हो गये. महाराष्ट्र ने यह मैच 15 रन से जीता था.
रहाणे ने अभी तक कभी प्रथम श्रेणी मैचों में कप्तानी नहीं की है लेकिन वह मुंबई की अंडर-17 और अंडर-19 टामों की अगुवाई कर चुके हैं. उन्होंने 2006 में त्रिपुरा में खेली गयी कूचबेहार ट्रॉफी में दिल्ली अंडर-19 टीम के खिलाफ नाबाद 226 रन बनाकर मुंबई के चयनकर्ताओं का ध्यान अपनी तरफ खींचा था. इस मैच में रहाणे ने मुंबई की टीम की कमान संभाली थी.
रहाणे ने मुंबई अंडर-17 टीम की कुल छह मैचों में अगुवाई की जिनमें से तीन में उनकी टीम को जीत मिली जबकि तीन मैच ड्रॉ रहे. जहां तक अंडर-19 का सवाल है तो रहाणे ने इस श्रेणी के 14 मैचों में मुंबई की कप्तानी की और इनमें से सात में अपनी टीम को जीत दिलायी. मुंबई को केवल एक मैच में हार मिली जबकि छह मैच ड्रॉ रहे.
इस तरह से रहाणे ने जूनियर स्तर पर जिन 20 मैचों में मुंबई की कमान संभाली उनमें से केवल एक मैच में उनकी टीम को हार का सामना करना पडा जबकि दस मैचों में उन्होंने टीम को जीत दिलायी. इसके अलावा राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी और इंडियन आयल की तरफ से कप्तानी कर चुके रहाणे वैसे अभी तक अंडर-17 से लेकर सीनियर स्तर तक कुल 26 मैचों में कप्तान रह चुके हैं. इन मैचों में उन्होंने 46.53 की औसत से 1396 रन बनाये हैं जिनमें तीन शतक और नौ अर्धशतक शामिल हैं.
जिंबाब्‍वे दौरे से रहाणे के करियर में एक नया अध्याय जुडेगा. वह भारत के 23वें वनडे कप्तान बनेंगे. अजित वाडेकर, सुनील गावस्कर, रवि शास्त्री, दिलीप वेंगसरकर और सचिन तेंदुलकर के बाद वह भारत की वनडे टीम की अगुवाई करने वाले मुंबई के छठे खिलाड़ी होंगे.

Next Article

Exit mobile version