हरारे: जिम्बाब्वे के खिलाफ शतकीय पारी खेलकर भारत को पहला वनडे जिताने वाले अंबाती रायुडू ने कहा कि महेंद्र सिंह धौनी को दबाव का सामना करते देख उन्होंने कठिन हालात में अपने खेल पर काबू करने का तरीका सीखा. रायुडू ने कैरियर की सर्वश्रेष्ठ 124 रन की पारी खेलकर भारत को रोमांचक मुकाबले में चार रन से जीत दिलाई.
उन्होंने बीसीसीआई टीवी से कहा , मैं आईपीएल में पिछले चार पांच साल से इस तरह के हालात में बल्लेबाजी कर रहा हूं. मैं भारतीय टीम का भी हिस्सा रहा हूं और धौनी भाई को इन हालात में खेलते देखा है. उन्होंने कहा , मैं देखता रहता हूं कि वह क्या करते हैं और कैसे दबाव पर काबू पाते हैं. आप बाहर रहकर भी काफी कुछ सीख सकते हैं और मुझे खुशी है कि जो कुछ मैंने सीखा, मैं उस पर अमल कर पा रहा हूं.
रायुडू ने कहा कि कल की उनकी पारी बहुत खास है. अब तक 30 वनडे में वह 45 . 55 की औसत से 911 रन बना चुके हैं जिसमें पांच अर्धशतक और दो शतक शामिल है. उन्होंने कहा ,’ यह मेरी बेहतर पारियों में से थी. पांच विकेट गिरने के बाद इस तरह की पारी और खास थी. ऐसा लग रहा था कि हम जिम्बाब्वे में नहीं इंग्लैंड में खेल रहे हैं क्योंकि शुरु में गेंद काफी उछाल ले रही थी.
रायुडू ने कहा , यह काफी संतोषजनक है क्योंकि हमने इसके दम पर मैच जीता. यह सराहनीय है कि हालात प्रतिकूल होने के बावजूद हम जीत सके. उम्मीद है कि आने वाले मैचों में हम टॉस जीतेंगे. यह पूछने पर कि टीम का नियमित सदस्य नहीं होने का असर क्या उनके मनोबल पर पडता है, रायुडू ने कहा कि उसने हालात के अनुकूल खुद को ढाल लिया है.
उन्होंने कहा , यही हकीकत है और आपको इसे स्वीकार करके खुद को ढालना होगा. मैं अपने लिये लक्ष्य तय नहीं करता जिससे काफी दबाव वैसे ही हट जाता है. मुझे जो भी मैच खेलने का मौका मिलता है, मैं उसमें खुश रहता हूं. हर मैच ऐसे खेलता हूं जैसे कि यह मेरा आखिरी मैच हो. मैं मौकों का इंतजार करता हूं.