चेन्नई सुपर किंग्स पर प्रतिबंध, अब क्या होगा स्टार क्रिकेटर्स का?
आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में आज उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित लोढ़ा कमेटी ने सजा का ऐलान किया और चेन्नई सुपर किंग्स के गुरुनाथ मयप्पन और राजस्थान रॉयल्स के सह मालिक राज कुंद्रा पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया है. साथ ही कमेटी ने चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स की टीम को दो साल के […]
आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में आज उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित लोढ़ा कमेटी ने सजा का ऐलान किया और चेन्नई सुपर किंग्स के गुरुनाथ मयप्पन और राजस्थान रॉयल्स के सह मालिक राज कुंद्रा पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया है. साथ ही कमेटी ने चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स की टीम को दो साल के लिए आईपीएल से बाहर कर दिया है. अब अगले दो सीजन तक यह दोनों टीमें आईपीएल का हिस्सा नहीं होंगी. ऐसे में सवाल यह है कि अब क्या होगा चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स के स्टार क्रिकेटर्स का.
चेन्नई सुपर किंग्स कीओरसे खेलते हैं धौनी, रैना, अश्विन, जडेजा और ब्रावो
चेन्नई सुपर किंग्स पर दो साल का प्रतिबंध लगने के बाद यह सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इन स्टार क्रिकेटर्स का क्या होगा. क्या यह खिलाड़ी अब दो साल तक आईपीएल में नजर नहीं आयेंगे या फिर बीसीसीआई इन खिलाड़ियों को किसी और टीम की ओर से खेलने की इजाजत देगा.
राजस्थान रॉयल्स की तरफ से खेलते हैं रहाणे, वाटसन, संजू सैमसन, स्टुअर्ड बिन्नी
राजस्थान रॉयल्स की तरह से कई युवा क्रिकेटर खेलते हैं, जिनमें अ जिंक्य रहाणे, शेन वाटसन, संजू सैमसन, प्रवीण तांबे, अंकित शर्मा और जेम्स फाकनर जैसे खिलाड़ी खेलते हैं. ऐसे में इन खिलाड़ियों के भविष्य पर प्रश्नचिह्न लग जाता है, क्योंकि इस टीम में कई ऐसे खिलाड़ी हैं, जो टीम इंडिया का हिस्सा नहीं हैं, लेकिन आईपीएल में खेलते हैं.
अब गेंद है बीसीसीआई के पाले में
लोढ़ा कमेटी के फैसले के बाद अब यह बीसीसीआई तय करेगा कि इन स्टार क्रिकेटर्स और युवा क्रिकेटर्स का भविष्य क्या होगा. क्या वह इन्हें किसी और टीम की तरफ से खेलने की इजाजत देगा या नहीं. अगर बीसीसीआई चाहेगी, तो इन खिलाड़ियों को होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है.
आईपीएल का क्रेज भी हो सकता है कम
चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स की टीम पर दो साल का प्रतिबंध लगने के बाद अब आईपीएल में छह टीमें रह जायेंगी और मैचों की संख्या भी घट जायेगी. पहले आईपीएल में 60 मैच होते थे जो घटकर 44 हो जायेंगे. इससे बीसीसीआई को तो नुकसान होगा ही साथ ही आईपीएल का क्रेज भी कम हो जायेगा. इसका कारण यह है कि चेन्नई सुपर किंग्स के समर्थक सबसे ज्यादा हैं.