चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स पर प्रतिबंध से आईपीएल को अस्थायी नुकसान : जस्टिल मुदगल
नयी दिल्ली : आईपीएल सट्टेबाजी मामले की जांच करने वाली समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति मुकुल मुदगल ने आज कहा कि चेन्नई सुपरकिंग्स और राजस्थान रायल्स का निलंबन आईपीएल के लिए अस्थायी झटका है और लोढा समिति का फैसला वास्तव में इस लीग में लोगों का भरोसा बहाल करने में मदद करेगा. दो बार के चैंपियन […]
नयी दिल्ली : आईपीएल सट्टेबाजी मामले की जांच करने वाली समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति मुकुल मुदगल ने आज कहा कि चेन्नई सुपरकिंग्स और राजस्थान रायल्स का निलंबन आईपीएल के लिए अस्थायी झटका है और लोढा समिति का फैसला वास्तव में इस लीग में लोगों का भरोसा बहाल करने में मदद करेगा.
दो बार के चैंपियन सीएसके और पहले आईपीएल के विजेता राजस्थान रायल्स को आज दो साल के लिए निलंबित कर दिया गया जबकि उनके सहमालिकों क्रमश: गुरुनाथ मयप्पन और राज कुंद्रा को खेल को बदनाम करने के लिए क्रिकेट मैचों से संबंधित गतिविधियों में शामिल होने के लिए आजीवन निलंबित कर दिया गया.
मुदगल ने कहा, यह बहुत कड़ी सजा है. मेरा मानना है कि इसका आईपीएल, बीसीसीआई और खिलाड़ियों पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा. कई लोगों का मानना है कि इससे खेल पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा लेकिन मेरा कहना है कि यह अस्थायी झटका है तथा क्रिकेट साफ सुथरा होगा और आईपीएल में लोगों का विश्वास बहाल होगा. ह्णह्ण उच्चतम न्यायालय से नियुक्त तीन सदस्यीय समिति ने यह सजा सुनायी. समिति के अध्यक्ष पूर्व मुख्य न्यायाधीश आर एम लोढा थे.
बीसीसीआई के पूर्व सचिव निरंजन शाह ने कहा कि यदि बीसीसीआई ने पूर्व में उचित कार्रवाई की होती तो वह इस स्थिति से बचा जा सकता था. उन्होंने कहा, .मुझे लगता है कि बीसीसीआई ने जो भी कार्रवाई करनी थी वह की हालांकि धीमी प्रक्रिया थी. उन्होंने अनुमान नहीं लगाया था कि यह मामला उच्चतम न्यायालय में चला जाएगा. हम शुरु में इससे बच सकते थे. हमें सबक लेना होगा.
बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष ए सी मुथैया ने कहा, बीसीसीआई में जो कुछ हुआ, किसी ने भी गलत कामों के खिलाफ आवाज नहीं उठायी. सभी नियम मौजूद हैं लेकिन उन्हें कुछ व्यक्तियों के माफिक बना दिया गया. मेरा मानना है कि आईपीएल को बनाये रखना चाहिए लेकिन बीसीसीआई को खुद को आईपीएल से दूर रखना चाहिए. इसका संचालन एक अलग संस्था को करना चाहिए जिसमें मशहूर हस्तियां शामिल हों. ह्णह्ण बीसीसीआई के वकील सी आर्यमा सुंदरम ने कहा कि वह दो टीमों को इतने लंबे समय के लिए निलंबित करने फैसले से पूरी तरह से सहमत नहीं है.
उन्होंने कहा, गुरुनाथ मयप्पन और राज कुंद्रा दोषी पाये गये इससे मुझे हैरानी नहीं हुई और उनके लिये ऐसी सजा की भी उम्मीद थी. मुझे कानूनी तौर पर दो टीमों को लंबे समय के लिए निलंबित करने पर थोड़ा परेशानी है. सुंदरम ने कहा, यह पाया गया कि यह व्यक्तिगत कार्रवाई थी जिसे एक व्यक्ति ने किया.
टीम स्वयं मैच फिक्सिंग की गतिविधियों में शामिल नहीं थी. इसलिए जब तक आप टीम को सामूहिक तौर पर दोषी नहीं पाते हो, तो फिर क्या टीम को इस तरह की सजा मिलनी चाहिए थी. मुझे लगता है कि यह पूरी लीग के लिए निराशाजनक है. बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष इंदरजीत सिंह बिंद्रा ने फैसले का स्वागत किया. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, .ऐतिहासिक आदेश. भारतीय क्रिकेट को साफ सुथरा करने की प्रक्रिया की शुरुआत. मुझे उम्मीद है कि बीसीसीआई सही सबक लेगा.