सीएसके और राजस्थान रॉयल्स पर बैन, पढ़ें किसने क्या कहा

नयी दिल्ली : सीएसके और राजस्थान रॉयल्स अगले दो साल तक आइपीएल में नजर नहीं आयेंगी. सीएसके और राजस्थान पर बैन के बाद उन खिलाड़ियों का भविष्य अधर में लटक गया है, जो दोनों टीमों की ओर से खेलते हैं. चेन्नई और राजस्थान के करीब 11 खिलाड़ी टीम इंडिया की ओर से भी खेलते हैं. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 15, 2015 7:04 AM

नयी दिल्ली : सीएसके और राजस्थान रॉयल्स अगले दो साल तक आइपीएल में नजर नहीं आयेंगी. सीएसके और राजस्थान पर बैन के बाद उन खिलाड़ियों का भविष्य अधर में लटक गया है, जो दोनों टीमों की ओर से खेलते हैं. चेन्नई और राजस्थान के करीब 11 खिलाड़ी टीम इंडिया की ओर से भी खेलते हैं. इस फैसले के बाद प्रमुख लोगों की प्रतिक्रिया इस प्रकार रही….

हम फैसले का सम्मान करते हैं. इसके आकलन के बाद पारदर्शी तरीके से सामूहिक फैसला लेंगे जो सही दिशा में और खेल के दीर्घकालिन हित में होगा.
जगमोहन डालमिया, बीसीसीआइ अध्यक्ष

सीएसके और रॉयल्स पर दो साल का प्रतिबंध मेरी नजर में बहुत कम है. इन फ्रेंचाइजियों के ऊपर हमेशा के लिए प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए और आइपीएल में इनकी दोबारा इंट्री नहीं होने दी जाये.
ललित मोदी, पूर्व आइपीएल आयुक्त

ऐतिहासिक आदेश. भारतीय क्रिकेट को साफ सुथरा करने की प्रक्रिया की शुरुआत. मुङो उम्मीद है कि बीसीसीआइ सही सबक लेगा.
आइएस बिंद्रा, पूर्व बीसीसीआइ अध्यक्ष

मयप्पन और कुंद्रा दोषी पाये गये इससे मुङो हैरानी नहीं हुई और उनके लिये ऐसी सजा की भी उम्मीद थी. मुङो कानूनी तौर पर दो टीमों को लंबे समय के लिये निलंबित करने पर परेशानी है. टीम स्वयं मैच फिक्सिंग की गतिविधियों में शामिल नहीं थी.
सी आर्यमा सुंदरम, बीसीसीआइ वकील

क्रिकेट प्रेमियों का इस खेल के प्रति विश्वास बना रहे उसके लिये जो भी जरुरी हो उसे किया जाना चाहिये. खेलप्रेमी ही खेल को बनाते या बिगाड़ते हैं.
संजय मांजरेकर, पूर्व क्रिकेटर

टाइमलाइन

16 मई, 2013 : स्पॉट फिक्सिंग में श्रीसंत सहित राजस्थान रॉयल्स के तीन खिलाड़ी गिरफ्तार.

20 मई, 2013 : राजस्थान रॉयल्स ने तीनों खिलाड़ियों का अनुबंध समाप्त किया.

25 मई, 2013 : मुंबई पुलिस ने श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मयप्पन को गिरफ्तार किया.

26 मई, 2013 : बोर्ड ने मयप्पन को निलंबित किया

1 जून, 2013 : बीसीसीआइ के शीर्ष अधिकारी संजय जगदाले और अजय शिर्के ने इस्तीफा दिया.

2 जून, 2013 : राजीव शुक्ला ने आइपीएल चेयरमैन पद से इस्तीफा दिया.

3 जून, 2013 : मामले की आंतरिक जांच पूरी होने तक श्रीनिवासन की जगह जगमोहन डालमिया बने बोर्ड के अंतरिम अध्यक्ष.

5 जून, 2013 : पुलिस ने बताया कि राजस्थान रॉयल्स के मालिक राज कुंद्रा ने एक करोड़ रुपये की सट्टेबाजी की बात कबूली.

30 जुलाई 2013 : बंबई हाइकोर्ट ने बीसीसीआइ की जांच समिति को अवैध करार दिया.

2 अगस्त, 2013 : बंबई हाइकोर्ट के फैसले के खिलाफ बीसीसीआइ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा.

24 अक्तूबर, 2013 : सुप्रीम कोर्ट ने तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की.

10 फरवरी, 2014 : आइपीएल स्पॉट फिक्सिंग जांच रिपोर्ट में गुरुनाथ मयप्पन दोषी पाये गये.

25 मार्च, 2014 : निष्पक्ष जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने श्रीनिवासन को अध्यक्ष पद से हटने को कहा.

28 मार्च, 2014 : गावस्कर बीसीसीआइ के अंतरिम अध्यक्ष बने, आइपीएल का आयोजन हुआ.

17 नवंबर, 2014 : मुद्गल कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया कि श्रीनिवासन स्पॉट फिक्सिंग के दोषी नहीं, लेकिन दामाद की कारगुजारियों को नजरअंदाज किया.

1 दिसंबर, 2014 : सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हितों के टकराव के मामले को गलत साबित करना श्रीनिवासन की जिम्मेवारी.

22 जनवरी, 2015 : सुप्रीम कोर्ट ने श्रीनिवासन के बीसीसीआइ के किसी भी पद के लिए चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी.

22 जनवरी, 2015 : मयप्पन, कुंद्रा और उनसे जुड़ी फ्रेंचाइजियों की सजा निर्धारित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश आरएम लोढ़ा, पूर्व न्यायाधीश अशोक भान और आर रवींद्र की तीन सदस्यीय समिति बनायी.

14 जुलाई, 2015 : लोढ़ा समित ने आरोपियों को सजा सुनायी.

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