चेन्नई : भारत के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड ने आज कहा कि चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रायल्स को आईपीएल से दो साल के लिये बाहर करने के जस्टिस लोढा समिति के फैसले से युवा खिलाडियों पर असर पडेगा लेकिन उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति के फैसले का सम्मान किया जाना चाहिये.
द्रविड ने कहा , यह निराशाजनक है कि कई बार एक या दो व्यक्तियों की हरकतों का असर इतने सारे लोगों पर पडता है. इन हालात में पिरामिड में सबसे नीचे मौजूद लोगों पर सबसे ज्यादा असर पडता है. शीर्ष खिलाडियों और कोचों को हमेशा काम मिल जाता है. हमारी टीम के शीर्ष खिलाडियों को दूसरी टीमों में जगह मिल जायेगी.
भारत ए के कोच द्रविड ने ऑस्ट्रेलिया ए के खिलाफ श्रृंखला से पहले यहां प्रेस कांफ्रेंस में कहा , यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि युवा खिलाडियों पर इसका असर पडेगा. उनके लिये निराशा है लेकिन फैसले का सम्मान करना होगा क्योंकि उच्चतम न्यायालय के पास अधिक जानकारी थी और उन्होंने इस पर बहुत सोचा होगा. यह पूछने पर कि क्या यह उनके कैरियर पर एक धब्बा है, 2013 में राजस्थान रायल्स के मेंटर और कोच रहे द्रविड ने कहा कि यह लोगों को तय करना है.
उन्होंने कहा , मुझे लगता है कि यह लोगों को तय करना है कि क्या यह धब्बा था. मैं अपना बचाव नहीं करना चाहता. मेरी भूमिका मेंटर और कोच की थी. लोगों को तय करना है कि मालिकों और अंशधारियों की हरकतों को क्या कोचों और मेंटर से जोडा जाना चाहिये. मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि हमें उच्चतम न्यायालय के फैसले का सम्मान करना होगा.
यह पूछने पर कि क्या यह कडा फैसला था, द्रविड ने कहा , यह तय करना मेरा काम नहीं है कि फैसला कडा था या नहीं. यह टीम, खिलाडियों और लीग के लिये कठिन फैसला है लेकिन हमें इसका सम्मान करना होगा. उन्होंने कहा , ऐसे भी लोग हैं जिनका कोई कसूर नहीं हैं और जो बहुत अच्छे हैं लेकिन इस फैसले से वे प्रभावित होंगे. मैं नहीं जानता कि टीम का भविष्य क्या होगा क्योंकि मैं न तो संचालन परिषद का हिस्सा हूं और न ही बीसीसीआई से जुडा हूं. दो साल पहले राजस्थान रायल्स के तीन खिलाड़ी स्पॉट फिक्सिंग के दोषी पाये गए थे. उस समय टीम के मेंटर रहे द्रविड ने कहा कि कोच के लिये यह पता करना बहुत मुश्किल होता है कि कौन भ्रष्टाचार में लिप्त है.
द्रविड ने कहा , मैं नहीं जानता था कि ये तीन खिलाडी कुछ संदिग्ध कर रहे हैं. यदि मुझे पता होता तो मैं उससे निपटता. मुझे कोई अंदेशा नहीं था और मैने मुद्गल समिति से इस बारे में साफ बात की है.
उन्होंने कहा , एक टीम में होते हुए भी यह पता करना मुश्किल होता है कि कोई स्पॉट फिक्सिंग में शामिल है या नहीं. यदि मैं हर वाइड बाल या चौके पर शक करने लगूं तो खेल से प्यार और उसमें रुचि खत्म हो जायेगी. मैं इसलिये हर मैच या टीम में चौके छक्के लगने पर खिलाडियों पर शक नहीं करता.
द्रविड ने कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं के दोहराव से बचने के लिये सतर्क रहना जरुरी है. उन्होंने कहा , ऐसे मसले आने पर क्रिकेट की छवि पर धब्बा लगता है. भारतीय क्रिकेट से जुडे सभी लोगों के लिये यह दुखद है. हमें हमेशा सतर्क रहना होगा. इस फैसले के बावजूद ऐसे लोग हैं जो क्रिकेट को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेंगे, हमें सतर्क रहना होगा.