हरारे : सलामी बल्लेबाज चामू चिभाभा की सधी हुई पारी और लेग स्पिनर ग्रीम क्रेमर की उम्दा गेंदबाजी से जिम्बाब्वे ने आज यहां दूसरे ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में दस रन से जीत दर्ज करके भारत की दौरे के सभी पांचों मैच जीतने की उम्मीदों पर पानी फेर दिया.
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी के लिये उतरे जिंबाब्वे ने चामू चिभाभा ने 51 गेंदों 67 रन की पारी की बदौलत सात विकेट पर 145 रन बनाये, लेकिन भारत के लिये यह स्कोर ही पहाड जैसा बन गया. भारतीय बल्लेबाजों ने आसानी से अपने विकेट गंवाये जिससे टीम नौ विकेट पर 135 रन तक ही पहुंच पायी. रोबिन उथप्पा ने सर्वाधिक 42 रन बनाये. जिंबाब्वे के लिये क्रेमर ने चार ओवर में 18 रन देकर तीन विकेट लिये.
भारत ने इस दौरे के पहले तीनों एकदिवसीय मैच जीते थे जबकि पहले टी20 में भी उसने आसान जीत दर्ज की थी लेकिन जिंबाब्वे ने उसे दौरे का अपना स्कोर 5-0 नहीं करने दिया. इसके लिये भारतीय बल्लेबाज भी जिम्मेदार रहे जो स्पिनरों के सामने जूझते हुए नजर आये. भारत ने बीच में 12 रन के अंदर चार विकेट गंवाये जो आखिर में मैच का टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ. जिंबाब्वे की भारत के खिलाफ यह टी20 और किसी भी प्रारुप में पिछले पांच वर्षों में पहली जीत है. उसने इस तरह से टी20 श्रृंखला 1-1 से बराबर की.
भारतीय पारी की शुरुआत अच्छी नहीं रही और उसने पहले ओवर में ही कप्तान अजिंक्य रहाणे (चार) का विकेट गंवा दिया जो तेजी से रन चुराने के प्रयास में रन आउट हुए. उनका स्थान लेने के लिये उतरे उथप्पा ने हालांकि गेंदबाजों पर हावी होने की रणनीति अपनायी.
जब उथप्पा और विजय खेल रहे थे तो लग रहा था कि भारत आसानी से जीत दर्ज कर लेगा. जिंबाब्वे के कप्तान सिकंदर रजा ने गेंदबाजी में लगातार बदलाव किये लेकिन उथप्पा ने तौराइ मुजारबनी, क्रिस मोफु और चिभाभा की गेंदों पर आसानी से सीमा रेखा के दर्शन करवाये. विजय ने भी सीन विलियम्स पर पारी का एकमात्र छक्का जमाया.
पहले सात ओवरों में छठे बदलाव का आखिर में जिंबाब्वे को फायदा मिला और भारत का स्कोर एक विकेट पर 57 रन से जल्द ही पांच विकेट पर 69 रन हो गया. लेग स्पिनर क्रेमर ने पारी के सातवें ओवर में गेंद संभाली. उन्होंने पहले विजय (11 गेंद पर 13 रन) का आफ स्टंप उखाडा और फिर नये बल्लेबाज मनीष पांडे (शून्य) को पगबाधा आउट किया. उथप्पा ने अगले ओवर में विलियम्स को वापस आसान कैच थमाकर भारत की मुश्किलें बढा दी. उथप्पा ने अपनी पारी में नौ चौके लगाये.
भारत की तरफ से आखिरी वनडे में नाबाद शतक जडने वाले केदार जाधव भी आज संकट के समय बडी पारी नहीं खेल पाये और केवल पांच रन बनाकर रन आउट होकर पवेलियन लौट गये. स्टुअर्ट बिन्नी (23 गेंद पर 24 रन) और संजू सैमसन (24 गेंद पर 19 रन) ने कुछ देर तक विकेट गिरने का क्रम रोका लेकिन नेट रन रेट बढने से उन पर भी दबाव था. ऐसे में के्रमर ने बिन्नी के रुप में अपना तीसरा विकेट लेकर भारत की मुश्किलें बढायी.
भारत को आखिरी तीन ओवर में 32 रन की दरकार थी और उसका दारोमदार अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेल रहे युवा सैमसन पर था लेकिन वह मोफु की गेंद सीमा रेखा पार पहुंचाने के प्रयास उन्होंने भी सीमा रेखा पर कैच थमा दिया. अक्षर पटेल (13) ने बडे शाट खेलने के प्रयास में कैच दिया. भारत ने आखिरी पांच ओवर में केवल 30 रन बनाये और इस बीच चार विकेट गंवाये.
इससे पहले चिभाभा के अलावा जिम्बाब्वे के केवल दो अन्य बल्लेबाज हैमिल्टन मासकाद्जा (17 गेंदों पर 19 रन) और सीन विलियम्स (18 गेंदों पर 17 रन) ही दोहरे अंक में पहुंचे. भारत की तरफ से भुवनेश्वर कुमार और मोहित शर्मा ने दो-दो विकेट लिये. मासकाद्जा और चिभाभा ने शुरु में गेंदबाजों पर हावी होने की कोशिश की. मासकाद्जा ने संदीप शर्मा की फ्री हिट पर छक्का जडा लेकिन अगली शार्ट पिच गेंद पर विकेटकीपर रोबिन उथप्पा को कैच दे बैठे. संदीप का यह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पहला विकेट था.
कप्तान एल्टन चिगुंबुरा के चोटिल होने के कारण टीम की अगुवाई कर रहे रजा (आठ) पर कप्तानी पारी खेलने की जिम्मेदारी थी लेकिन वह मोहित की गेंद पर डीप थर्डमैन पर आसान कैच देकर पवेलियन लौट गये. इसके बाद रहाणे ने पार्टटाइम गेंदबाज मुरली विजय से भी गेंदबाजी करवायी जिन्होंने अपने कप्तान की उम्मीदों पर खरे उतरते हुए अपने दो ओवर में केवल नौ रन दिये.
चिभाभा और विलियम्स ने तीसरे विकेट के लिये 37 रन जोडे. विलियम्स ने भी अपना विकेट इनाम में दिया. स्पिनर अक्षर पटेल को उन्होंने वापस कैच थमाया. चिभाभा ने संदीप को अपने निशाने पर रखा जो भारत के सबसे महंगे गेंदबाज रहे. उन्होंने चार ओवर में 39 रन देकर एक विकट लिया. भारतीय गेंदबाजों ने आखिरी ओवरों में विकेट निकालकर जिम्बाब्वे को 150 रन के पार नहीं जाने दिया. जिंबाब्वे ने आखिरी पांच ओवरों में 33 रन जोडे और इस बीच चार विकेट गंवाये.