मुंबई : आईपीएल सट्टेबाजी मामले में न्यायमूर्ति आर एम लोढा के फैसले से पैदा हुए संकट से निबटने के लिये भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने आदेश का अध्ययन करने और अपनी सिफारिशें छह सप्ताह में देने के लिये आज कार्यसमूह गठित करने का फैसला किया. कार्यसमूह गठित करने का फैसला यहां आईपीएल संचालन परिषद की बैठक में किया गया जिसमें सदस्यों ने चेन्नई सुपरकिंग्स और राजस्थान रायल्स को आईपीएल से दो साल के लिये निलंबित करने के फैसले पर चर्चा की.
बीसीसीआई ने कहा कि वह पूरी तरह से फैसले का पालन करेगा. बोर्ड कार्यसमूह के सदस्यों के नामों का खुलासा कल करेगा. बोर्ड ने एक घंटे से अधिक समय तक चली बैठक के बाद जारी बयान में कहा, बीसीसीआई लोढा समिति के फैसले का सम्मान करता है और उसका पालन करेगा.
सदस्यों को लगा कि इस फैसले से पडने वाले प्रभाव और बीसीसीआई पर पड़ने वाले व्यापक असर को समझना अत्यावश्यक है ताकि हमारे देश में खेल की सर्वोच्चता बनी रहे. इसमें कहा गया है, आईपीएल संचालन परिषद ने इसलिए चेयरमैन राजीव शुक्ला को कार्यसमूह गठित करने का अधिकार दिया जो इस फैसले का अध्ययन करेगा तथा अपनी प्रमुख सलाहकारों के साथ परामर्श करने के साथ ही सभी हितधारकों के हितों को ध्यान में रखते हुए संभावित उपायों पर विचार करेगा.
बोर्ड ने कहा कि समूह की सिफारिशों को बीसीसीआई की शक्तिशाली कार्यकारी समिति को भेजा जाएगा.
बयान के अनुसार, इस समूह को छह सप्ताह का समय दिया गया है और वह आईपीएल संचालन परिषद को अपनी सिफारिश भेजेगा जो आगे की कार्रवाई के लिये बीसीसीआई की कार्यकारिणी के साथ इसे साझा करेगी. आईपीएल चेयरमैन राजीव शुक्ला ने कहा कि समूह के सदस्यों के नाम कल तक तय हो जाएंगे.
शुक्ला ने कहा, संचालन परिषद ने मुझ पर भरोसा दिखाकर समूह गठित करने की जिम्मेदारी मुझे सौंपी है जो छह सप्ताह में अपनी रिपोर्ट सौंपेगा और बताएगा कि आदेश को कैसे लागू किया जाए और आईपीएल को कैसे आगे बढाया जाए.
आईपीएल कैसे संचालित करना है, कितनी टीमें खेलेंगी. यह रिपोर्ट संचालन परिषद के पास आएगी जिसे कार्यकारिणी के पास भेजा जाएगा जो फैसला करेगी. उन्होंने कहा, सदस्यों की घोषणा कल की जाएगी. हमने न्यायमूर्ति लोढा समिति को पूरे सम्मान से लागू करने और उसके अनुसार चलने का फैसला किया है. सभी हितधारकों ने अपने विचार रखे और सभी का मानना था कि टूर्नामेंट चलना चाहिए. मैं फिर दोहरा रहा हूं कि आईपीएल नौ बड़ा और शानदार होगा. शुक्ला ने हालांकि आज की बैठक के बारे में विस्तार से बताने से इन्कार कर दिया. उन्होंने बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष शशांक मनोहर पर जरुर ताना कसा जिन्होंने चेन्नई और रायल्स को बर्खास्त करने की मांग की थी.
उन्होंने कहा, हम बैठक की बातों के बारे में नहीं बता सकते. एक उप समूह गठित किया गया है जो यह सिफारिशें करेगा कि आगे क्या करने की जरुरत है. मनोहर के बयान पर शुक्ला ने कहा, उच्चतम न्यायालय से नियुक्त समिति ने इस पर (आईपीएल मामले) अपना फैसला सुना दिया है और जब उसका फैसला आ गया है तब मुझे नहीं लगता कि किसी के इस पर टिप्पणी करने के लिये कुछ बचा हुआ है. बीसीसीआई अध्यक्ष जगमोहन डालमिया ने अस्वस्थ होने के कारण बैठक में हिस्सा नहीं लिया जबकि अजय शिर्के, रवि शास्त्री और ज्योतिरादित्य सिंधिया वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये इसमें शामिल हुए. यह बैठक न्यायमूर्ति लोढा समिति के फैसले के बाद उठे संकट के कारण बुलानी पडी थी.
कई सितारे खिलाडियों से सजी धोनी की अगुवाई वाली चेन्नई सुपरकिंग्स और आईपीएल के पहले सत्र की विजेता राजस्थान रायल्स को अपने प्रमुख अधिकारियों गुरुनाथ मयप्पन और राज कुंद्रा के 2013 सत्र के दौरान सट्टेबाजी गतिविधियों में शामिल रहने के कारण इस धनाढ्य क्रिकेट लीग से दो साल के निलंबित कर दिया गया था.
सीएसके के पूर्व टीम प्रिंसिपल मयप्पन और राजस्थान रायल्स के सह मालिक कुंद्रा को भी सट्टेबाजी में लिप्त रहने तथा आईपीएल और खेल को बदनाम करने के लिये आजीवन निलंबित कर दिया गया था. दो साल पहले क्रिकेट को झकझोर देने वाले आईपीएल स्पाट फिक्सिंग विवाद के बाद खेल को पाक साफ करने की कवायद में यह सजा उच्चतम न्यायालय से नियुक्त तीन सदस्यीय समिति ने सुनाई जिसके प्रमुख पूर्व मुख्य न्यायाधीश आर एम लोढा थे. न्यायमूर्ति लोढा ने संकेत दिये थे कि बीसीसीआई इन फ्रेंचाइजी टीमों को बर्खास्त करने के लिये स्वतंत्र है.