गावस्कर ने की अक्षर पटेल की अलोचना, बताया साधारण गेंदबाज
नयी दिल्ली : पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने कडे शब्दों का उपयोग करते हुए आज कहा कि बायें हाथ का स्पिनर अक्षर पटेल टेस्ट क्रिकेट के दर्जे का स्पिनर है और वह महज एक साधारण गेंदबाज है जिसका आसानी से अनुमान लगाया जा सकता है. गावस्कर ने कहा कि 21 वर्षीय स्पिनर ‘भारतीय क्रिकेट […]
नयी दिल्ली : पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने कडे शब्दों का उपयोग करते हुए आज कहा कि बायें हाथ का स्पिनर अक्षर पटेल टेस्ट क्रिकेट के दर्जे का स्पिनर है और वह महज एक साधारण गेंदबाज है जिसका आसानी से अनुमान लगाया जा सकता है.
गावस्कर ने कहा कि 21 वर्षीय स्पिनर ‘भारतीय क्रिकेट का अगला बड़ा नाम’ बनने की स्थिति में नहीं था और उसे टेस्ट क्रिकेट में विशेषज्ञ स्पिनर नहीं माना जा सकता क्योंकि वह गेंद को टर्न नहीं करा पाता. गावस्कर से जब पूछा गया कि क्या पटेल में टेस्ट स्पिनर बनने की संभावना है, उन्होंने कहा, नहीं. अक्षर पटेल वह वैकल्पिक स्पिनर नहीं है जिस पर भारत को गौर करना चाहिए.
वह साधारण गेंदबाज है जो सिर्फ गेंद करता है. उसकी गेंदों में फ्लाइट नहीं होती है और उसकी गेंदों का आसानी से अनुमान लगाया जा सकता है. जब तक पिच अनुकूल नहीं हो तब तक वह गेंद को टर्न नहीं करा पाता है. वह मध्यम गति के गेंदबाज से थोड़ी धीमी गति से गेंद करता है.
उन्होंने श्रीलंका दौरे के लिये भारतीय टीम का विश्लेषण करते हुए एनडीटीवी से कहा, हां, अश्विन, हरभजन, अमित मिश्रा और कर्ण शर्मा जैसे स्पिनरों पर भारत गौर कर सकता है लेकिन निश्चित रुप से अक्षर पटेल पर नहीं. पटेल ने पिछले साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण के बाद अब तक 18 वनडे और दो टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं. उन्होंने 18 वनडे में 26.60 की औसत से 23 विकेट लिये हैं. पिछले महीने बांग्लादेश के खिलाफ दो वनडे मैचों में उन्होंने दो विकेट लिये. जिंबाब्वे के खिलाफ हाल में समाप्त हुई पांच वनडे की श्रृंखला में पटेल ने तीन मैचों में पांच विकेट हासिल किये.
गावस्कर ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत यदि अच्छे गेंदबाज पैदा नहीं कर पाया तो इसका कारण रणजी ट्राफी के लिये तैयार की जा रही पिचों को भी कुछ हद तक दोष दिया जा सकता है. उन्होंने कहा, पिछले कुछ वर्षों से हम अच्छे स्पिनर पैदा नहीं कर पाये. इसका एक कारण रणजी ट्राफी मैचों के लिये तैयार की जा रही पिचें भी हैं. हम रणजी मैचों के लिये पिचों पर बहुत अधिक घास छोड़ देते हैं और इससे स्पिनरों को मदद नहीं मिलती.
गावस्कर ने कहा, हमें ऐसी पिचें तैयार करनी चाहिए जो बल्लेबाजों और गेंदबाजों दोनों के अनुकूल हों. घास रखी जा सकती है लेकिन बहुत अधिक नहीं. पिचें ऐसी होनी चाहिए कि जिससे मैच के शुरु में स्पिनर अपनी फ्लाइट का उपयोग करें और इसके बाद दूसरे और तीसरे दिन वे फ्लाइट में कमी लाएं. उन्होंने टेस्ट कप्तान विराट कोहली का श्रीलंका श्रृंखला से पहले चेन्नई में भारत ‘ए’ मैच में खेलने के फैसले को सही बताया.
गावस्कर ने कहा, विराट की तरफ से यह बहुत अच्छा फैसला है. उन्होंने पिछले दो तीन सप्ताह में बहुत अधिक क्रिकेट नहीं खेली है. बांग्लादेश में भी उनकी फार्म में उनके स्तर के अनुरुप नहीं रही. यदि वह भारत ‘ए’ मैच में बड़ा स्कोर बनाता है तो आत्मविश्वास के साथ श्रीलंका जाएगा.