क्या अनिल कुंबले का विकल्प बन सकेंगे अमित मिश्रा?
भारत के लेग स्पिनर अमित मिश्रा चार साल के बाद एक बार फिर से भारतीय टेस्ट टीम में नजर आने वाले हैं. मिश्रा को श्रीलंका के खिलाफ 12 अगस्त से शुरू होने वाले तीन मैचों की श्रृंखला के लिए टेस्ट टीम में शामिल किया गया है. अमित मिश्रा की वापसी से एक बात तय हो […]
भारत के लेग स्पिनर अमित मिश्रा चार साल के बाद एक बार फिर से भारतीय टेस्ट टीम में नजर आने वाले हैं. मिश्रा को श्रीलंका के खिलाफ 12 अगस्त से शुरू होने वाले तीन मैचों की श्रृंखला के लिए टेस्ट टीम में शामिल किया गया है.
अमित मिश्रा की वापसी से एक बात तय हो गयी है कि श्रीलंका की धरती पर भारतीय टीम कोई रिस्क नहीं लेना चाह रही है. श्रीलंकाई धरती स्पिनरों को मदद करती है. वैसे में टीम में तीन-तीन स्पिनरों को टीम में शामिल कर टीम ने अपनी स्पिन आक्रमण को मजबूती दी है.
* भारतीय क्रिकेट में स्पिनरों के प्रदर्शनमेंआयी है गिरावट
भारतीय क्रिकेट जिसे स्पिनरों के चलते जाना चाता रहा है. स्पिनरों के दम पर ही टीम इंडिया काफी मैच जीता करती है. लेग स्पिनर अनिल कुंबले के क्रिकेट से संन्यास ले लेने के बाद भारतीय टीम में स्पिन गेंदबाजी की कमी आ गयी है. कुंबले के भारत में स्पिनर तो आये लेकिन लेग स्पिन में कमी बनी रही. हरभजन सिंह ने भले ही भारतीय क्रिकेट टीम में कुंबले की कमी को दूर करने की कोशिश की, लेकिन लगातार गिरते प्रदर्शन के कारण उन्हें लंबे समय तक टीम इंडिया से दूर रहना पड़ा.
* अमित मिश्रा पूरी कर सकते हैं भारतीय क्रिकेट में लेग स्पिन की कमी
अमित मिश्रा जिन्हें श्रीलंका के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों के लिए भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल किया गया है. अनिल कुंबले की कमी को पूरा कर सकते हैं. उनमें कुंबले के विकल्प बनने की पूरी क्षमता है, लेकिन उनके प्रदर्शन में एकरुपता नहीं रहती है और इसी कारण से उन्हें टीम से बाहर भी रहना पड़ा है. अमित ने टेस्ट में जिस तरह से दो पारियों में 7 विकेट लेकर डेब्यू किया था, सभी ने मान लिया था कि टीम इंडिया में कुंबले की कमी अगर कोई दूर कर सकता है तो वह हैं अमित मिश्रा.
* जिंबाब्वे के खिलाफ श्रृंखला जीतने से बढ़ा है टीम इंडिया का मनोबल
बांग्लादेश के खिलाफ वनडे श्रृंखला में हरारी हार और टेस्ट श्रृंखला ड्रॉ रहने से टीम इंडिया को करारा झटका लगा था. टीम इंडिया की चौतरफा निंदा हो रही थी. खिलाडियों के प्रदर्शन पर सववाल उठाये गये. लेकिन टीम इंडिया का जिंबाब्वे दौरा सभी गलतियों पर पर्दा डाल दिया. जिंबाब्वे में टीम इंडिया ने शानदार प्रदर्शन करते हुए वनडे श्रृंखला में 3-0 से कब्जा जमाया. इस छोटे से जीत ने टीम इंडिया के मनोबल को बढ़ाया है.
* टेस्ट में जीत दर्ज करने के लिए जरूरी है 20 विकेट लेना
टेस्ट क्रिकेट को हमेशा से गेंदबाजों का माना जाता रहा है. कोई भी टीम तभी मैच जीत सकती है जब उसके गेंदबाजों में 20 विकेट लेने की क्षमता हो. बल्लेबाज चाहे रनों की पहाड़ ही क्यों न लगा दे, लेकिन अगर गेंदबाज विफल रहे तो मैच को ड्रॉ या हार से कोई नहीं रोक सकता है. टीम इंडिया में पिछले कुछ दिनों से गेंदबाजी में काफी गिरावट दर्ज की गयी है. गेंदबाज विरोधी टीम के खिलाफ विकेट लेने में कमजोर साबित हुए हैं. जहां गेंदबाजों ने विकेट नहीं लिया वहीं खुल कर रन लुटाये.