बेंगलुरु : कर्नाटक उच्च न्यायालय ने आज एक हिन्दू देवता को कथित रूप से गलत रूप से पेश करने पर पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के खिलाफ दर्ज एक मामले में उनकी आलोचना की और सेलेब्रिटी द्वारा परिणाम सोचे बगैर केवल धन के लिए विज्ञापन अनुबंध पर हस्ताक्षर करने की प्रवृत्ति को आडे हाथ लिया.
न्यायमूर्ति एएन वेणुगोपाल गौडा ने मौखिक टिप्पणी में कहा कि धौनी जैसे क्रिकेटर और सेलेब्रिटी को लोगों की धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाने का परिणाम पता होना चाहिए. उन्हें इस तरह के विज्ञापन करने के परिणाम का पता होना चाहिए.
शिकायतकर्ता जयकुमार हीरेमठ ने आरोप लगाया था कि धौनी एक कारोबारी पत्रिका के कवर पर भगवान विष्णु के रूप में नजर आ रहे हैं और उनके हाथ में एक जूता सहित कई चीजें मौजूद हैं. सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति गौडा ने कहा कि सेलेब्रिटी परिणाम सोचे बगैर केवल धन के लिए विज्ञापन अनुबंध पर हस्ताक्षर कर रहे हैं.
धौनी की ओर से पेश अधिवक्ता ने अभियोजन की दलीलों को काटते हुए कहा कि उन्होंने कोई धन नहीं लिया. जवाब में न्यायमूर्ति गौडा ने धौनी को हलफनामा दायर करके यह घोषित करने का निर्देश दिया कि उन्होंने पत्रिका के कवर पेज पर दिखने के लिए कोई धन नहीं लिया. अदालत इस मामले में 17 अगस्त को आगे की सुनवाई करेगी.